साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ

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उस वीडियो को देखकर राज की तो हवा निकल गयी। जब वह ही इतना हैरान था, तो इसको रानी को दिखाना तो नामुमकिन सा लग रहा था। पर राज को एक बात अच्छी लगी की कमल भैया ने वही वीडियो चुना जिसमें दोनों पति अपनी पत्नियों को दूसरे से चुदवाते हैं। राज के मनमें आशा जगी की शायद कहीं न कहीं कमल भैया के मनमें खुद रानी को चोदने की और कुमुद को राज से चुदवाने की मंशा हो सकती हैं। पर राज यह बात कमल को पूछने की हिम्मत ना जुटा पाया।

जब राज ने कमल से कहा की शायद रानी ऐसी फिल्म देखने के लिए तैयार नहीं होगी तो कमल अपनी हँसी नहीं रोक सका। कमल ने कहा, "तुम निश्चिंत रहो। एक रात को रानी से कहो की तुम्हें कहीं से एक वीडियो मिला है। तुम यह मत कहना की मैंने भेजा है। रानी से कहना की वह थोड़ा सेक्स के बारेमें है और उसे सिर्फ बीबी के साथ ही देखना है ऐसा कहा गया है। पहले तो रानी थोड़ी ना नुक्कड़ करेगी, की यह अच्छा नहीं लगता, पर फिर वह इसे देखती रहेगी और आखिर में तुम खुद देख लेना क्या होता है।"

राज ने एक शनिवार की रात रानी से यह बात कह डाली। राज ने रानी से कहा की वीडियो थोड़ा सा अश्लील है। उसे आश्चर्य हुआ जब रानी वीडियो देखने के लिए तैयार हो गयी। शायद उसे पता नहीं था की वह क्या देखने वाली थी।

जैसे राज ने वीडियो चालु किया और पति पत्नी के रोमांस के सिन आये तो राज की प्यारी बीबी रानी राज के करीब बैठ गयी और राज की टाँगों के बिच हाथ डालकर उसके ढीले लण्ड को टटोलने लगी। जब पति पत्नी की चुदाई के दृश्य आये तो वह राज का लण्ड पाजामे में से निकाल कर उसे फुर्ती से हिलाने लगी। जैसे जैसे परदे पर दृश्य ज्यादा उत्तेजित होने लगे, अपना घाघरा ऊपर कर रानी ने राज का हाथ उसमें डाला। राज ने महसूस किया की उसकी बीबी रानी की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसमें से उसका रस रिस रहा था। राज समझ गया की रानी उससे उँगलियों से चुदवाना चाहती है।

पर जब रानी ने देखा की दोनों पति एक दूसरे की बीबियों पर चढ़कर उन्हें चोदने लगे थे तो उससे रहा नहीं गया वह राज से चिपक गयी जैसे वह यह सब देखने से डर गयी हो। तब राज ने अपनी उत्तेजित खूबसुरत पत्नी को अपनी बाहों में लिया और उसे यह कह कर प्यार जताने लगा की देखो जानूं यह सब होता रहता है। इसका आनंद लो। एन्जॉय करो।"

राज के बार बार आश्वासन देने से और अत्यंत उत्तेजक भड़कीले सिन के कारण राज और रानी दोनों का उन्माद बढ़ता जा रहा था। जब राज ने रानी के कपडे उतार कर रानी की चूत में उंगलिया डाल कर उसे उकसाना शुरू किया तो वह एकदम उत्तेजित हो गयी और राज पर चढ़ गयी और राज को जोरशोर से चोदने लगी। उसका पानी कई बार छूट गया। राज ने कभी भी उसकी बीबी को इतनी बार निढाल होते हुए नहीं देखा। राज को चोदते हुए वह बोल रही थी, "राज ऐसा कभी नहीं हो सकता। यह गलत है।"

तब राज ने रानी से कहा, "जानू, इस दुनिया में सारी अच्छी चीजें या तो या गलत, या असामाजिक, या तो कानूनी दृष्टि से अवैध मानी जाती है। पर होता सब कुछ है।"

रानी भोलेपन से ताकते हुए पूछा, "क्या ऐसा भी होता है की एक औरत का पति अपने दोस्तको अपनी पत्नी को अपने सामने ही चोदते हुए देख सकता है?"

राज ने कहा, "ना सिर्फ पति अपनी पत्नी को उसके सामने चुदवाते हुए देख सकता है बल्कि वह देखना चाहता है।"

रानी ने पूछा, "कमाल है यार! ऐसा कैसे हो सकता है?"

राज ने कहा, "होता है तभी तो दिखाया है। "

रानी ने कहा, "तुम मुझे वैसे ही बरगला रहे हो। वास्तव में ऐसा कैसे मुमकिन है? भला कोई मर्द अपनी बीबी को दूसरे से चुदते हुए कैसे देख सकता है? और कोई बीबी अपने पति को किसी और औरत को चोदते हुए कैसे देख सकती है? क्या तुम मुझे तुम्हारे किसी दोस्त से चुदवाते हुए देख सकते हो?"

राज ने कहा, "चलो अपनी ही बात करो। तुम्हारा सवाल था न की क्या मैं तुम्हें मेरे किसी दोस्त से चुदवाते हुए देख सकता हूँ? तो सुनो मैं तुम्हें मेरी और तुम्हारी पसंद के कोई भी गैर मर्द से चुदवाते हुए ना सिर्फ देख सकता हूँ बल्कि देखना चाहता हूँ।"

रानी ने राज की और तेज तर्रार आँखों से देखते हुए कहा, "तुम क्या बक रहे हो? क्या तुम वास्तव में ऐसा कर सकते हो? पर मैं तुम्हारे अलावा किसीसे भी चुदवाना नहीं चाहती। मैं तुम्हें भी किसी गैर औरत को चोदते हुए देख नहीं सकती।" रानी की बात सुन कर राज निराश हो गया। राज चुप रहा। उसने उस बातको उस समय आगे बढ़ाना ठीक नहीं समझा।

दूसरे दिन राज ने सारी बातें विस्तार से कमल को सुनाई। कमल ने राज की कही सारी बातें सुनी। उसे सुनकर कमल को कोई आश्चर्य नहीं हुआ। कमल ने कहा, " राज तुम ज़रा भी हौसला मत खोना और चिंता मत करो। तुम ठीक जा रहे हो। आगे देखते जाओ, क्या होता है। अब तुम एक काम और करो। तुम भाभी से सेक्स करते समय उसे ऐसी कल्पना करने को कहो की वह तुमसे नहीं कोई और पुरुष से सेक्स कर रही है। उसे ऐसा नाम सोचने को कहो जिसे वह जानती हो और जिस को वह पसंद करती हो।" फिर कमल ने राज का अगला कदम क्या होगा उसके बारेमें विस्तार से बताया।

बात होने के एक दिन बाद रात में राज ने सहज रूप में ही अपनी बीबी रानी से पूछा की पिछली रात वाला वीडियो कैसा लगा तो रानी ने कहा, "देखो, सोचनेमें तो यह बड़ा लुभावना लगता है; और तुम जो चाहे कहो, पर ऐसा वास्तव में हो नहीं सकता। मेरे साथ तो कतई नहीं। गैर मर्द के बारेमें तो तुम सोचना भी मत। मैं कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हूँ। कमाल करते हो। तुमने क्या सोचा की मैं किसी भी गैर मर्द से ऐसे ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाउंगी? नहीं जी नहीं, यह नहीं हो सकता।"

राज अपनी बीबी की बात सुनकर निराश हो गया। उसे लगा की उसके प्लान पर उसकी बीबी ने ठंडा पानी डाल दिया था। वह सोच में पड़ गया। तब अचानक उसे रानी की दो बातें सूचक लगी।

पहले तो रानी ने कहा "देखने में तो यह सब लुभावना लगता है।" इसका मतलब यह हुआ की रानी को दो मर्दों से चुदवाने वाली बात लुभावनी लगी।

दुसरा जब रानी ने यह कहा की , "मैं कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हूँ जो किसी भी गैर मर्द से ऐसे ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाउंगी।" इसका मतलब रानी ने यह कहा की वह किसी ऐरे गैरे से चूदवाने के लिए नहीं तैयार होगी और वह वैसे ही नहीं मानेगी। वह एक इज्जतदार औरत है और अपनी इज्जत आसानी से किसी ऐरे गैरे के साथ दाव पर नहीं लगा सकती।

पर जो रानी ने नहीं कहा वह यह था की अगर कोई ख़ास व्यक्ति हो तो वह तैयार हो सकती है और उसे काफी मनाना भी पडेगा। शायद बातों बातों में ही रानी ने मना करते हुए भी इशारा कर ही दिया की वह मान सकती है। उसे किसी और से चुदवाना लुभावना तो लगता है लेकिन वह आसानी से मानने वाली नहीं है। उसके पीछे काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। सबसे ज्यादा सूचक रानी ने यह इशारा किया की वह किसी साधारण व्यक्ति को अपना सर्वस्व समर्पण नहीं करेगी।

तब राजने बड़े ही प्यार में धीरे से रानी से कहा, "ठीक है। चलो मैंने तुम्हारी बात मान ली। तुम किसीसे हकीकत में चुदवाना नहीं चाहती हो तो न सही। पर मेरा मन रखने के लिए मेरी उत्तेजना के लिए ही सही; तुम जब मुझसे चुदवाती हो तो तुम्हारा मन पसंद कोई भी गैर मर्द से चुदवाती हो ऐसा नाटक तो तुम कर सकती हो न? मुझसे चुदवाते समय तुम मुझे उस गैर मर्द के नाम से बुला तो सकती हो न? उसमें तो तुम्हें कोई एतराज नहीं होना चाहिए?"

थोड़ा सोचने के बाद रानी ने कहा, "चलो ठीक है। जब तुमने मेरी बात मान ली है तो फिर तुम्हारे लिए मैं इतना तो कर सकती हूँ। "

राज ने कहा "तो फिर बोलो; तुम्हारा मनपसंद पराया मर्द कौन है? तुम कल्पना मैं किस मर्द से चुदवाना पसंद करोगी? मुझे किस नाम से बुलाना पसंद करोगी?"

रानी ने कहा, "जब कल्पना ही करनी है तो कोई भी नाम ले लो, चलेगा। संजय, धनञ्जय, सुरेश, रमेश कोई भी नाम लो, क्या फर्क पड़ता है? तुम बताओ। तुम जो कहोगे मैं वही नामसे तुमको बुलाऊंगी। असल में तो तुम ही मुझे चोदोगे ना?"

राज ने कहा, "हाँ, चोदुँगा तो मैं ही। पर तुम मुझे ऐसे वैसे नाम से नहीं बुलाओगी, ऐसा वैसा कोई भी नाम नहीं चलेगा। कल्पना में ही सही पर चोदने वाला एक जाना हुआ और तुम्हारा पसंदीदा व्यक्ति होना चाहिए। मान लो की तुम्हें मजबूर किया जाए की तुम्हें तुम्हारे पति के अलावा जाने पहचाने मर्दों में से किसी एक से चुदवाना ही पडेगा तो तुम जिसे पसंद कर सकती हो ऐसा व्यक्ति होना चाहिए। वह ऐसा होना चाहिए की तुम दूसरों के मुकाबले उससे चुदवाना पसंद करोगी। तभी तो तुम्हें कल्पना में उससे चुदवाने का असली मजा आएगा न? तो फिर बोलो तुम्हारा पसंदीदा मर्द कौन है?"

रानी सोच में पड़ गयी। "मेरे पसंदीदा मर्द? वैसे तो कई हैं, मेरे रिश्तेदार। पर यहां बात तो चुदवाने की है। रिश्तेदार नहीं चलेंगे। सेक्स करने के लिए किसको पसंद करना है? मेरे दोस्तों के पति जैसे नविन, सूरज, राजन। मुझे कोई नहीं जँचता। तुम्हारे दोस्त को देखते हैं जैसे रवि, सुरेश, सागर। सब वैसे ही हैं। नहीं इनमें से कोई नहीं। सब के सब फ़ालतू हैं। और चन्दन और कमल भैया? कमल भैया?"

रानी कमल का नाम बोलकर अचानक कुछ पल चुप रह गयी फिर बोली, "नहीं, कमल भैया नहीं कमल भैया अच्छे तो हैं, पर.... यार, यह तो बड़ी समस्या है। तुम जानो बाबा। तुम तो सबको जानते हो। चलो जो तुम कहोगे वही नाम ले लुंगी। बस? अब तो खुश हो?" रानी ने झिझकते हुए कहा।

"कमल का नाम तो तुम्हारी जुबान पर आ ही गया है, तो फिर कमल का ही नाम ले लेते हैं। कमल तो तुम्हें पसंद है ना? तुम्हें कमल भैया से चुदवाने में तो कोई एतराज नहीं है ना?" राज ने पट से पूछा।

जब रानी ने गुस्से से राज की और देखा तो राज ने सहम कर बोला, "अरे भाई सिर्फ कल्पना में।"

रानी थोड़ी देर के लिए चौक गयी। उसके चेहरे पर दुविधा साफ़ नजर आ रही थी। पर क्या बोले? उसके खुदके मुंह से कमल का नाम निकल गया था। और फिर उसने तो कह दिया था की कोई भी नाम चलेगा। तो अब तो मानना ही पडेगा। और फिर अपने आपको सम्हालते हुए बोली, "कल्पना ही तो करनी है ना? ठीक है। क्या फर्क पड़ता है? कोई भी नाम ले लो। कमल भैया का नाम भी ठीक है।"

राज ने कहा, "देखो यह गड़बड़ है। कल्पना में ही सही, पर जब तुम कमल से मानसिक रूप से चुदवाने के लिए तैयार हो ही गयी हो तो कमल को कमल भैया मत कहो। समझो की अब मैं कमल हूँ। मुझे भैया कह कर मेरा मूड मत खराब करो। मुझे सिर्फ "कमल" कह कर ही बुलाओ और बोलो, कमल मैं अब तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। मेरे पति राज से तो मैं रोज चुदती हूँ पर आज कमल मुझे चोदेगा।"

रानी बड़े ही असमंजस में पड़ गयी। उसने सोचा नहीं था की बात ऐसा रुख ले लेगी और कमल भैया का नाम बिच में आ जाएगा। और फिर कल्पना में ही सही पर अपने पति को कमल भैया समझ कर उन से चुदवाना पडेगा और चुदवाते हुए अपने पति को कमल कह कर बुलाना लड़ेगा। रानी को लगा की उसके पति ने उसको अपनी जाल में ऐसा फाँस लिया था की अब वह उस चंगुल में से निकल नहीं सकती थी। दूसरी तरफ रानी ने महसूस किया की उसके मनमें कोई अँधेरे कोने में पनप रही कमल की और वासना की चिंगारी को जैसे उसके खुद के पति ने हवा देना शुरू किया हो। रानी की चूत में से बरबस ही रस चूने लगा।

उसने सोचा, चलो सिर्फ कल्पना ही तो करनी है? जब बात इतनी आगे बढ़ ही गयी थी तो फिर पति की बात माननी तो पड़ेगी ही। थोड़ा सा हिचकिचा कर रानी ने राज का लण्ड अपने हाथ में लिया और बोली, "ठीक है। चलो मैं तुम्हें कमल कह कर ही बुलाऊंगी।" फिर बोली, "कमल, आज मैं तुमसे सेक्स करना चाहती हूँ। मेरे पति राज तो रोज मुझ से सेक्स करते हैं। मुझे अब राज से सेक्स करने में मजा नहीं आता। आज तुम मुझसे सेक्स करो।"

तब राज ने झल्ला कर चिल्लाते हुए कहा, "मेरी रानी, यह क्या सेक्स सेक्स लगा रखा है? जैसे तुम मुझे कहती हो ना की चोदो मुझे। तो समझो की मैं कमल हूँ और तुम कमल से चुदवा रही हो। खुल जाओ। अब खुल्लमखुल्ला बोलो की कमल, मैं आज तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। तुम मुझे चोदो।"

राज की ऊँची आवाज से उसकी बीबी रानी थोड़ी सहम गयी और बोली, "राज तुम मुझे परेशान कर रहे हो।"

राज ने तब रानी को प्यार से धीरे से कहा, "डार्लिंग, हम सेक्स में कुछ उत्तेजना पैदा करना चाहते हैं न? तो क्या तुम मेरा साथ नहीं दोगी?"

तब फिर रानी ने कहा, "गुस्साओ मत। मैं कह रही हूँ न?"

राज ने अपनी बीबी के गाल पर चुम्मी की तो वह बोली, "मैं कुछ इधर उधर बोल गयी तो तुम बुरा तो नहीं मानोगे ना?" राज ने अपनी बीबी रानी से हंस कर कहा की वह बिलकुल बुरा नहीं मानेगा।

रानी: "कमल तुम्हारा लण्ड भी तो राज के जैसा ही है। आज मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। मेरे पति राज तो रोज मुझे चोदते हैं। मुझे अब राज से चुदवाने में मजा नहीं आता। आज तुम मुझे चोदो।"

राज की और देखते हुए रानी आँखें मटकाकर बोली, "मेरे सेक्सी राजा, बस? अब तो खुश?"

राज ने कहा "ऐसे नहीं, भाव से बोलो।"

राज की बीबी रानी ने राज के ढीले लण्ड को जोर से हिलाते हुए कहा, "भाव तो तभी आएगा न जब तुम तैयार होगे? चलो पहले तुम अपना लण्ड कड़क करो और मैं बोलती हूँ।"

फिर रानी ने बड़े प्यार से राज के लण्ड को कड़क करने के लिए हिलाते हुए कहा, "कमल तुम्हारा लण्ड तो गजब है। आज मैं तुमसे चुदवाने के लिए बाँवरी हो गयी हूँ। मेरे पति राज से चुदवा कर मैं अब ऊब चुकी हूँ। मुझे अब राज से चुदवाने में मजा नहीं आता। कमल आज तुम मुझे खूब चोदो। आज तुम मुझे ऐसे चोदो जैसे तुमने कभी किसीको नहीं चोदा। चलो अपना लण्ड खड़ा करो और मुझे चोदो। तुम्हारा यह मोटा लण्ड मेरी चूत में जल्दी डालो और उसकी भूख शांत करो।"

रानी की बात सुनकर राज तो जैसे पागल सा हो गया। उसे लगा जैसे उसकी मेहनत सार्थक हुई। आखिर में कल्पना में ही सही, रानी कमल से चुदवाने के लिए तैयार तो हुई। उसके लिए यह बड़ी उपलब्धि थी।

राज ने कहा, "सुनो डार्लिंग। अब मैं कमल हूँ। तुम सोचो की आज तुम कमल से चुदवा रही हो। यह मेरा लण्ड नहीं है। यह कमल का काफी बड़ा, मोटा और लंबा लण्ड है जो तुमने आज पहली बार देखा है। तुम उस लण्ड को अपनी चूत में डलवाने के लिए बेचैन हो। मेरी रानी तुम राज से हर रोज चुदवाती हो, तो आज जानेमन तुम मुझसे, कमल से भी तो चुद्वाओ। आज मेरा लण्ड भी तो चखो।"

रानी ने भी उसे लहजे में जवाब देते हुए कहा, "हाँ मेरे कमल डार्लिंग। आज राज घर में नहीं है। वह बाहर गया है। आज मैं और तुम अकेले हैं। मैं कई दिनों से तुम्हारे लण्ड के बारे में ही सोच रही हूँ। कैसा होगा तुम्हारा लण्ड? राज कहते हैं तुम्हारा लण्ड काफी लंबा और मोटा है। मैं ज़रा देखूं तो सही?"

रानी ने राज का कड़क लण्ड को अपनी उँगलियों में सहलाते हुए यह वाक्य ऐसे कहे की राज को ऐसे लगा की सचमुच वह अब कमल के साथ ही चुदाई करने जा रही हो। वह अपने नए रोल में जैसे डूब चुकी थी।

राज रानी के ऊपर चढ़ गया। रानी ने फ़ौरन राज का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत की पंखुड़ियों को थोड़ा फैला कर उनके के बिच टिकाया और राज के लण्ड को अपनी चूत पर थोड़ा रगड़ते हुए बोली, "कमल, आज मैं तुमसे कोई प्राथमिक खेला किये बगैर मुझे चोदने के लिए ही कह रही हूँ क्यूंकि मुझे तुम्हारे लण्ड का अनुभव करना है। मुझसे अब तुम्हारे चोदने में देरी सही नहीं जाती।"

राज का लण्ड यह सुनकर एकदम लोहे की छड़ के समान खड़ा हो गया। रानी को अपने पति राज का लण्ड शायद रोज से ज्यादा ही लम्बा और मोटा लग रहा था। रानी ने जल्दी ही उसको अपनी चूत में घुसाया और राज को धक्के मारना शुरू करने के लिए इंगित किया।

उस रात उन दोनों ने जमकर चुदाई की। और पूरी चुदाई के दरम्यान रानी उसे "कमल चोदो, कमल और जोरसे" कह कर पुकारती रही। राज को ऐसा लगा जैसे रानी अब राज को कमल ही समझ कर जोश से चुदवा रही थी।

उस रात जब राज और रानी की चुदाई ख़तम हुई तब कुछ समय बाद धीरे से रानी ने राज से पुछा, "सच सच बताओ, कहीं यह आइडीया भी कमल का तो नहीं?"

राज ने हिचकिचाते हुए कहा, "हाँ आईडिया तो कमल का ही है, पर उसने अपना नाम लेने के लिए नहीं कहा था। वह आईडिया मेरा था। बाकी सारे आइडियाज कमल के ही थे।"

"फिर तो वह ब्लू फिल्म वाला आईडिया भी कमल का ही होगा?" रानी ने पूछा। राज क्या बोलता? उसने सर निचा करके मुंडी हिला करके "हाँ" कहा।

रानी ने अपने सर पे हाथ रख कर कहा, "है भगवान! तुम कैसे पति हो? अपनी बीबी को किसी गैर मर्द के सामने नंगी करोगे क्या?"

"मैं तुम्हें कोई गैर मर्द के सामने थोड़े ही नंगी कर रहा हूँ? कमल कोई गैर मर्द थोड़े ही है? वह तो अपना है। है की नहीं?" राज ने पूछा। उसने सोचा देखूं तो सही की किसी गैरमर्द के सामने नंगी होने के लिए तैयार ना होने वाली उसकी बीबी कमल की बात आती है तो क्या कहती है।

रानी चुप हो गयी। फिर थोड़ी देर बाद बोली, "वह तो ठीक है। पर फिर भी तुम्हें हमारी गुप्त बातें उनको नहीं बतानी चाहिए थी। क्या तुमने कमल को हमारी सारी बातें बतादीं?"

राज समझ गया की "वह तो ठीक है"बोलते ही उसकी बीबी पकड़ी गयी थी। दूसरों के सामने नंगी न होने वाली बीबी कमल का नाम सुन कर चुप हो गयी थी। राज का माथा ठनक गया। किसी गैरमर्द के सामने नंगी ना होने वाली उसकी बीबी को क्या कमल के सामने नंगी होने में कोई एतराज नहीं था?

राज ने रानी से कहा, "जब वह अपना है तो उससे क्या छुपाना। मैं तो उसको सब बता देता हूँ। कमल चाहता है तुम भी उससे खुलकर बात करो।" रानी चुप होकर सुनती रही। उसने राज की बातका कोई जवाब नहीं दिया।

दूसरे दिन जब राज ने कमल को अपनी बीबी के साथ हुई बातें बतायीं तो कमल बोला, "राज तुम पहला सोपान (स्टेप) पार करने में सफल रहे हो।"

राज , "अब दुसरा सोपान क्या है?"

कमल: "दूसरे सोपान की भूमिका बन चुकी है। मुझे जो कुछ करना था वह मैंने कर दिया है। अब तुम्हें जो करना है वह तुम करो।" कमल ने फिर राज को दूसरे सोपान में क्या करना है उसकी जानकारी दी और कमल खुद क्या करेगा वह भी बताया।

उस रात राज को बड़ा आश्चर्य हुआ जब रानी ने ही कोई भी पूर्व भूमिका के बगैर बिस्तरे में लेटे हुए राज से कमल के बारे में पूछा की वह क्या बात थी जिसके बारेमें कमल रानी से बात करना चाहता था।

राज ने कहा, "कमल तुमसे अकेले में बात करना चाहता था। दर असल बात कुछ नाजुक भी है और गंभीर भी। कमल की अपनी कुछ समस्या है। वह तुमसे कुमुद के बारेमें कुछ बात करना चाहता है। पर थोड़ा सा हिचकिचाता है। वह डरता है की तुम कहीं बुरा न मान जाओ। बात कुछ कमल और कुमुद के बिच में सेक्स को लेकर है। पता नहीं क्यों, पर दर असल इस बात के बारेमें कमल मुझसे भी खुलकर बात नहीं करना चाहता। तुम औरत हो और कमल मानता है की तुम बड़ी सुलझी हुई हो इस लिए औरत की साइड बेहतर समझ सकती हो। इस लिए कमल तुम्हारी राय लेना चाहता है। कमल कहता है उसको पूरा भरोसा है की अगर तुम मान जाओगी तो तुम्हारी सोच समझ से कमल की समस्या मात्र तुम ही हल कर सकती हो। उसके पास तुमसे बात करनेके अलावा कोई रास्ता नहीं है।"

अपनी तारीफ़ सुन कर रानी थोड़ी खुश हुई। रानी ने कहा, "ऑह तो यह बात है! खैर, अगर मामला ऐसा है तो फिर बात तो करनी ही पड़ेगी। इसमें बुरा मानने से काम नहीं चलेगा। ठीक है। मेरी बात करा देना।"

दूसरे दिन राज ने कमल को फ़ोन पर रानी से हुए बात के बारे में बताया। कमल ने राज की पूरी बातें सुनकर कहा, "देखो भाई, अब बात थोड़ी गंभीर हो रही है। अब जब रानी मुझसे बात करेगी और मैं उससे बात करूंगा तो उसमें सेक्स के बारेमें खुली बात होगी। तुम्हें कोई आपत्ति तो नहीं है न?"

राज ने उसकी बात को बिच में काट कर बोला, "भैया तुम भी कमाल करते हो। सारी बातें सेक्स की ही तो हो रही हैं। अब तक हम क्या कोई हिस्ट्री ज्योग्राफी की बात थोड़े ही कर रहे थे? जब मैं सामने चलकर तुम्हें कह रहा हूँ की तुम मेरी बीबी से बात करो तो फिर तुम्हें ऐसे विचार क्यों आते हैं? अब आगे बढ़ना है। आगे तुम जानो की रानी से क्या बात करनी है।"

कमल ने कहा, "ठीक है।"

दूसरे दिन सुबह राजने कमल का नंबर मिलाकर अपनी बीबी रानी से कहा, "लो, कमल से बात करो। मैं दूसरे कमरे में जाता हूँ, क्यूंकि कमल नहीं चाहता की तुम्हारे अलावा कोई और उस बात को जाने। बेशक, तुम मुझे बादमें सब कुछ बता देना पर कमल को पता न लगे की मुझे सब मालुम है।"

खुद को जब इतनी अहमियत मिलती है तो भला कौन खुश नहीं होगा? रानी बोली, "लाइए मैं बात करती हूँ।"

राज ने जब रानी को लाइन दी तो कमल ने रानी से पूछा, "रानी, राज है की चला गया?" रानी ने कहा की उसने अपने पति को दूसरे कमरे में भेज दिया था।

तब कमल ने रानी से कहा, "रानी, बात कुछ नाजुक है। बात कुछ सेक्स के बारेमें है। मैंने राज से पूछा था तो उसने कहा की उसने तुमसे बात की है और मैं तुमसे सेक्स के बारे में खुल्लम खुल्ला बात कर सकता हूँ। तो क्या मैं तुमसे बात करूँ? तुम्हें कोई आपत्ति तो नहीं हैं ना? मैं नहीं चाहता की तुम इस बारे में राज से और ना तो मेरी बीबी कुमुद से बात करो। यह बात हमारे दोनों के बिच में होनी चाहिए। ठीक है?"

रानी: "ठीक है, आप बेझिझक बात कर सकते हो।"

कमल: "पिछले कुछ दिनों से पता नहीं क्या हुआ है की मेरी बीबी कुमुद मेरे साथ सेक्स करने से मना कर रही है। आज तक उसने ऐसा कभी नहीं किया। पता नहीं अब क्या हो गया है। मैं बहुत परेशान हूँ और मैं देख रहा हूँ की कुमुद भी परेशान है, मैं बहुत मनाने की कोशिश करता हूँ पर वह है की मानती ही नहीं। पहले हम रात को एक दुसरेसे लिपट कर बिना कपड़ा पहने ही सोते थे और सेक्स करते थे। पर अब वह रात भर मुझसे दूर पलंग के दूसरे छोर पर एक कोने में कर सो जाती है और रात को हाथ भी लगाने नहीं देती। हमारी जिंदगी वीरान हो रही है। मुझे समझ नहीं आता मैं क्या करूँ।"

कमल की बात सुनकर रानी सोच में पड़ गयी। रानी ने कमल से कुछ सवाल पूछे जैसे, "आपके ख्याल से क्या कारण हो सकता है? क्या आप दोनों में कुछ झगड़ा तो नहीं हुआ? क्या रानी की तबियत तो ठीक है? उसे माहवारी तो नहीं है?" इत्यादि। कमल ने उन सब उन सब का सही उत्तर दिया। तब रानी बोली, "कमल, मुझे सोचने दो। मैं तुम्हें आजकल में सोचकर फ़ोन करुँगी।"

फ़ोन काट कर रानी सोचने लगी की क्या किया जाए जिससे कमल और कुमुद में जो मन मुटाव है उसे मिटाया जा सकता है। रानी ने अपने पति राज से इसके बारेमें बात करना ठीक समझा, हालाँकि कमल ने मना किया था। रानी ने अपने पति राज को सारी कहानी सुनाई और पूछा की राज की क्या राय है।

राज ने रानी से कहा, "मुझे ऐसा लगता है की कमल भैया और कुमुद के बिच कोई ख़ास बात को लेकर यह मन मुटाव हुआ है। इस मसले को हल करने के लिए इसकी जड़ में जाना बहुत जरुरी है। तुमको यह जानना पड़ेगा की आखिर कमल और कुमुद के बिच यह मनमुटाव हुआ क्यों? वह क्या बात थी जिससे कुमुद इतनी नाराज हो गयी की सेक्स की बात तो दूर, वह अपने पति को पास फटकने तक नहीं देती? शायद कमल तुमसे सारी बातें साफ़ साफ़ करने में हिचकिचा रहा है। उसे कहो की किसी भी तरह की झिझक के बगैर वह तुमसे खुल्लम खुल्ला बात करे।"

दूसरे दिन रानी ने कमल से पूछा, "कमल भैया, मुझे लग रहा है आप मुझे सारी बात साफ़ साफ़ बता नहीं रहे हो। आप जरूर मुझसे कुछ छुपा रहे हो या बताने में झिझक रहे हो। अगर आप चाहते हो की इसे सुलझाने में मैं आपकी कुछ मदद करूँ तो आप को मुझे बिना छुपाये पूरी बात सच सच बतानी ही पड़ेगी। अगर आप मुझसे बेझिझक और खुल्लम खुल्ला साफ़ साफ़ बात नहीं करोगे तो मैं कैसे समझूंगी की बात क्या है?"

कमल: "रानी तुम एकदम सही हो। मैं सच सच और सारी बात बताने से डरता हूँ। अगर मैं सच बताऊंगा तो मुझे ऐसे अश्लील शब्द इस्तेमाल करने पड़ेंगे जो तुम्हें अच्छे ना लगे। क्या तुम अश्लील शब्द सुनने के लिए तैयार हो? और दूसरी बात, मैं सच बताना इस लिए भी नहीं चाहता क्यूंकि अगर मैंने सच बताया तो हो सकता है तुम मुझसे बहुत नाराज हो जाओ और मुझे ड़र है की सच जान कर कहीं तुम हमारे साथ रिश्ता ही ना तोड़ दो। अगर तुम्हें सच सच सारी बात जाननी है तो तुम मुझे वचन दो की जो मैं कहूंगा उस बात का तुम बुरा नहीं मानोगी और मेरी बात सुनकर मेरी गलतियों को माफ़ कर दोगी।"

रानी कुछ पल सोचने लगी। फिर बोली, "कमल भैया, ऐसी क्या बात है? अब हमारे सम्बन्ध नाजुक नहीं रहे। वह इतने गाढ़ हो चुके हैं की हम चाहते हुए भी इन्हें तोड़ नहीं सकते। अब कोई औपचारिकता वाली बात नहीं रही। मेरे पति राज तो कहते हैं की तुम्हारे लिए वह उनकी जान भी कुर्बान कर सकते हैं। जब देखो वह आपके ही गुण गाते हैं। तब मेरे बुरा मानने वाली बात ही नहीं रही। आप बेझिझक कहो जो कहना है। इस लिए अगर आपको अश्लील शब्द बोलने पड़ेंगे तो मैं सुन लुंगी और मैं वचन देती हूँ की बुरा नहीं मानूंगी। बस? अब तो कहो की बात क्या है।"