by tantrik721
Would have been more thrilling if Babli was a bit older and had been dropped there by her boyfriend or fiance for buying and giving measurement and that he would pick her up after an hour or two
I mean no offense, but I would appreciate if you stick to English and to older women stories (like 37 years and above and married), because they happen to be much more exciting
Sexy story.
But also eagerly waiting for "Indian Wife Strays" next part..
Want Ravi to become ultimate cremipie licking cuckold...
अच्छा लिखा है। दर्जी ने बबली को जिस तरह बातों बातों में अपने गिरफ्त में ले लिया है वह विश्वसनीय है। मुझे तो वही बड़ा उत्तेजक लगा। हाँ, लड़की एक घंटा अंदर रह गई, और दुकान के मालिक को कोई संदेह नहीं हुआ, यह जरा अखरता है। यह भी कि लड़की उस गंदे दर्जी का लिंग भी चूस लेती है। उसकी जगह दर्जी द्वारा नई नवेली चूत को चूसना ज्यादा स्वाभाविक, ज्यादा उत्तेजक होता। फिर भी, हिंदी में आपने बढ़िया हाथ आजमाया है। इसे जारी रखें।
Plz keep writing stories in english only as they sound more real and authentic. Your stories about cuckolding are awesome specially indian exhibitionist wife story. Plz continue ur stories. Craving to read more.
Always include reluctant nd jealous but still aroused cuck husband nd his slow nd subtle humiliation by his wife nd her lover is treat to read nd imagine. Plz continue ur half left stories. All r awesome plzz 🙏😍😍
Refreshing change. Keep writing in both the languages. Gives a different kick in hindi.
Best so far is fantasy fulfilled...
Ur english writing is good. Hindi difficult to read....pls
VERY NICE STORY YOUR EACH AND EVERY STORY VERY GOOD BUT FANTASY FULL FILL THE BEST
Excellent! You write better in Hindi than in English. Your English is very good too, but I think Hindi is your mother tongue. Do expand on the theme and post new parts soon. Maybe later you might want to introduce your friends to your tailor uncle.
Hey mate, are you planning a second part? For somereaspn i keep coming back more and more to this story. Really want the darji ti get a second go.
5 saal pahle hum Mainpur mei padhte the. Hamarre girls' primary school se thodi si door boys' middle school tha. Boys shaitani karne hamare school mei chupchap ghus aate aur jo ladki dikhti, uske shareer pe haath lagaate Mai 13 saal ki thi tab, aur Didi 15 saal se jyada. Didi ko to kayi baar school gate ke andar jhadiyo ke pichhe dekh chuke the, aur kayi baar to wo gate ke baahar bhi chali jaati thi. Wo 9th mai thi aur hum 6th mei Unka shareer to thoda jawan dikhta tha, hamara bas start hua hi tha. Ek din na jane kyu hum bhi gate ke paas chale gaye, Didi baahat thi lekin gate ke lafi paas, ek ladke se chipki huyi. Uss ladke ne bola, 'ab kab chalegi wahan par? Hafta hone wala hai.' Didi boli nahi tab ladke ne unke chhati par masalate huye fir poochha, 'Bol na, tere sath bahot maza aata hai'. Mai dhire se ek jhad ke pichhe ja kar sunane lagi. Didi dhire bol rahi thi, lekin hum sun liye "Uss din tum apna dost kyu laaye? Humko bahut darr lagaa, fir bhi tum bole too hum uske saath bhi....' Ladka Didi ke hips masal kar bola, 'Maza nahi aaya dono ke saath?' Didi sharam kar rahi thi, kuch bol nahi.
Ladka jaate huye bola, 'Kal shanivar hai, tu ek class ke baad aa jaana, teeno wahan chalenge' Main ekdam gate ki taraf bhagi, lekin Didi ko bra ka hook lagaate dekhi.
Didi ki kuchh saheliyon se baat hoti thi, unmei se teen hum se thoda khuli thi, Unse pata chala ki unki class ki bahut ladkiya masti karti hain ladko ke saath, jyadataar ek se jyada ladko ke sath, Didi ke bhi 3-4 se chalta tha. Hamara bhi man kiya karta tha, tab ek Riya Didi smile karte boli' Tu kahe to tera bhi kanta fit karwa denge. Ud din hum jawaab nahii diye, lekin agli baar Riya Didi boli " Aaj aa ja, ek naya ladka, humare waale ke sath aayega. Tu chahe to saath chal sakti hai.' Hum darri thi, lekin gaye un logo ke saath, Didi waale ke sath ek nahi, do aaye the. Ek kafi toota hua kamra tha, jiske paas koi ghar nahi tha kafi door tak. Didi to do ladko ke sath jaldi hi ek kone mei shuru ho gaye. Jo ek bacha tha wo humare paas aa kar shuru ho gaya, rokna bhari ho gaya. Pahle din hi kaafi ho gayaa, fir to teeno ladko mei se kisi na kisi se ho hi jaata tha aksar.
Teen mahine ke baad school jate dekha humari Didi thoda sust thi; baad mei unki close saheli ne hint kiya ki shayad kuchh gadbad ho gayaa hai, isliye doctor ko dikhane jaana hoga. Ab tak hum samajhne lage the ye sab. Hum bhi darr gaye, aur exam tak ladko se nahi mile. Didi ka bhi sab theek go gaya aur wo bhi exam tak nahi gayi. Agle saal wo Mainpuri ss Kanpur chali gayi padhne. Didi se milte to baat hoti, wo batayi ki Kanpur mei to khoob chalta hai ye sab. Hum bhi next year ke liye Kanpur ke liye Amma aur Babu ko manaa liye hain. Manisha (14)
तुम्हरी कहानी ने मुझे मेरी बचपन की याद दिला दी लेकिन मैं उस वक़्त तुम से भी काफी कम उम्र थी और बिल्कुल कुंवारी और नादान थी
लगभग वही सब हुआ जो तुमने लिखा था
मेरे माँ मुझे गाव के दर्जी के पास ले गई थी और साले ने मेरी माँ को बेवकूफ़ बना दिया और मुझे बिटिया बिटिया कह के अकेले कमरे में ले गया
वहाँ उसने मुझे हाथ लगा लगा के गर्म कर दिया और मेरी छाती मसल दी, होंटों को किस कर लिया पर chod नहीं पाया
उस दिन तो माँ की वजह से ज्यादा कुछ नहीं हो पाया पर सिला हुआ कुर्ता लेने मैं अकेली गयी तो उसने कहा छोडऩा था
दुकान बंद करके वो मुझे पीछे कमरे में ले गया पर तेल लगा के चौदने के बाद भी बहुत दर्द हुआ था
मस्त मस्त मस्त मस्त मस्त कहानी है।
मेरे को दर्जी ने तो नहीं पर परचून की दूकान वाले ने पटा लिया था जब मै छोटी थी। जब भी उसकी दूकान पर जाती तो वो चॉकलेट, टॉफी देता और कहता की बदले मे एक पप्पी और मेरे गालो पर पप्पी कर देता। दोपहर मे जब कोई नहीं होता तो गोदी मे बैठा लेता और बाहो मे दबोच के पप्पी लेता। मै छोटी थी पर बेवकूफ नहीं थी थोड़ा थोड़ा समझने लगी थी पर फ्री की चॉकलेट के लिए रोज चली जाती थी। वो मुझे दोपहर को बुलाता और काफी काफी देर तक गोदी मे बैठा के बाहो मे भीचता और गालो और होंटो पर पप्पी करता।
एक दिन जब मै गयी तो मूसलाधार बारिश होने लगी और वो मुझे दुकान के अंदर करके शटर बंद कर दिया। फर्श पर दरी बिछा के वो मुझे वही लिटा लिया, मुझे मज़ा आ रहा था उसकी हरकतों मे और जब वो मुझे नंगा किया तो मै ज़ोर से उसको चिपक गयी। वो मेरे को पूरा सेट कर दिया था, थोड़ा दर्द होगा तो मज़ा आयेगा, सहन करना होगा, बोल बोल के मुझे तयार कर दिया। वो मेरे छोटे छोटे मोमो को मसलने और चूसने लगा और मेरी चूत मे तेल लगा के घिसने लगा तो मै आनंद के सागर मे गोते खाने लगी।
थोड़ी देर रगड़ने मसलने के बाद वो मेरी टांगे ऊपर उठा दिया और अपना लन्ड मेरी चूत के छेद पर रख दिया। पहले धक्के मे ही मुझे चाँद तारे दिख गए और मै बिलबिलाने गयी और चिल्लाने लगी पर वो मुझे दबोचे रहा। मेरे चिल्लाने की आवाज बारिश की आवाज के खो गयी। वो पूरा लन्ड अंदर पेल दिया और उसके भारी शरीर के नीचे मै हिल भी न सकी। मै छटपटाती रही और वो मेरी नादानी का फाइदा उठाने लगा। थोड़ी देर मे तीखा दर्द थोड़ा कम हो गया पर फिर भी मै चिल्ला पड़ती जब वो ज़ोर से धक्का मारता। पेल पेल के उसने मुझे औरत बना दिया।
बहुत से लेडिज टेलर सच मे बहुत बदमाश होते है और छोटी नादान लड़कियो को फंसा लेते है। पर मै तो उस वक़्त 32 साल की एक बच्ची की माँ थी। पर उसने मुझे मीठी मीठी बाते करके और नाप लेने के बहाने हाथ लगा लगा के फंसा लिया। जब उसने पहली बार नाप लेने के बहाने मेरे स्तनो पर हाथ लगा दिया तो पूरे बदन के जैसे करंट दौड़ गया। मै उसे डांटने या रोकने के बजाय उसकी हरकत को नज़रअंदाज़ कर दिया, इससे वो और भी निर्भीक को गया।
मै जब भी उसके पास जाती तो वो बहाना ढूंढ के मेरे बदन पे हाथ फेर देता था। मेरे को भी उसके हाथ लगाने मे मज़ा सा आने लगा था पर मै कभी भी अपने पती को धोका देकर उसके साथ सेक्स करने की नहीं सोची। पर उसका इरादा सिर्फ हाथ लगाने के नहीं था बल्कि को तो पूरा कांड करना चाहता था।
एक दिन वो मेरे को ब्लाउज़ का ट्राइल लेने के लिए बुलाया और अंदर कमरे मे आते ही वो दरवाजा बंद कर दिया और मेरी पीठ पर हाथ रख के मुझे बीच कमरे मे ले आया। वो पूरे आत्मविश्वास के साथ मेरी साड़ी के पल्लू को पकड़ के नीचे गिरा दिया और फिर ब्लाउज़ को खीच खीच देखने लगा और कहने लगा की ये तो ढीला सिला है, ठीक नहीं है। वो इस तरह से मेरे ऊपर हावी हो गया की मै कुछ सोच समझ नहीं सकी बस शर्म और झिझक से जड़ खड़ी रह गयी।
उसकी एक उंगली मेरे उरोजों के दरार मे धस गयी तो मेरी साँसे भरी होने लगी।
“नहीं नहीं क्या कर रहे हो,” मै किसी तरह बोली, “तुम बहुत बदमाश हो हर बार बदमाशी करने लगते हो।“
“थोड़ी बदमाशी करने दो न,“ कहते हुए वो ब्लाउज़ मे हाथ घुसा दिया और मेरे बूब्स को पकड़ लिया। मै नहीं नहीं करती रह गयी और वो मुझे अपनी बांहों मे जकड़ लिया। वो लंबा चौडा तगड़ा मर्द था और जब वो दोनों हाथो से मेरे उरोजों को मसलने लगे तो मै कसमसाती रह गयी और आनंद के अतिरेक मे मेरी आंखे मुँदने लगी। वो तेजी से मेरे कपड़े उतार दिया और मुझे नंगी करके वहीं फर्श पर पटक दिया। मै कभी भी अपने पती के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहती थी और मै उसके साथ इतना आगे बढ़ जाऊँगी ये मैंने कभी सोचा भी नहीं था। पर जब वो मेरे ऊपर चढ़ के मेरे शरीर का मर्दन शुरू किया तो मै सब कुछ भूल गयी।
बाहर दुकान मे उसके दो कारीगर चेले भी थे उन्हे पता था की उनका दर्जी मास्टर अंदर क्या गुल खिला रहा है। कोई हस्तछेप न कर सके इसलिए वो दुकान का शटर गिरा दिये और साले दरवाजे की झिरी से मेरी चुदाई देखने लगे। दर्जी ने मुझे बुरी तरह रगड़ डाला और इतनी ज़ोर से चोदा जैसा मै पहले कभी भी नहीं चुदी थी।
उस दिन चुदने के बाद मै खुद बैचन रहने लगी दोबारा उसके साथ चुदाई के लिए। वो जब भी बुलाता मै उसकी दुकान पर चली जाती और वो मेरे को जो बोलता मै वो करती। एक बार वो मुझे चोद रहा था तो उसके दोनों कारीगर दुकान बंद करके अंदर कमरे मे आ गए। उस वक़्त मै नंगी पड़ी थी, मुझे बहुत शर्म आयी और मै अपने शरीर को दर्जी के शरीर के नीचे छुपाने की कोशिश करने लगी। पर दर्जी ने तो उन्हे जानभूझ के अंदर आने के लिए बोला था। \
मेरी न नुकुर बिलकुल भी नहीं चली, दर्जी मुझे दबोचे रहा और एक मेरी टाँगे उठा के लन्ड पेल दिया चूत मे। दर्जी वही बैठा रहा और दोनों बारी बारी से मुझे चोदने लगे। उनके बाद दर्जी ने भी मेरी बजाई।
कई सालो तक मै तीनों के साथ चुदाई करती रही और ये सिलसिला तभी खतम हुआ जब मेरे पती का तबादला दूसरे शहर मे हो गया।
सब के कमेंट्स पढ़े। मेरे पति अच्छे पद पे हैं उत्तर प्रदेश में। जैसा के औरों के साथ मेरे साथ भी हुआ । नाप के बहाने सब जगह हाथ लगाया और मुझे समझा ही दिया के आजकल फैशन ऐसा के गहरा ब्लाउस बिना ब्रा के पहन जाता। इससलिए आप ब्रा उतारिए तब ही नाप लूँगा.
ब्रा उतारने के बाद फिर वही के आपके दूध तो बहुत मस्त हैं। सलवार के नाप के लिए चूत पे हाथ। उसको एक kink और भी था के जब मै नंगी तब किसी से फोन पे बात जरूर करू। कहता था आप सिर्फ़ ज्वेलरी रखो जिस्म पे। कान की बाली , पायल । कपड़ा कोई नहीं पति से या सास से या किसी दोस्त से उसी समय बात करूँ और उसे समय वो मुझे चोधे । शुरू में अजीब लगा लेकिन फिर मज़ा भी आया। कहता था के आप अकेली नहीं चुधवाती मुझ से। शहर की बहुत बीवियों को चोधता हूँ । उनके घर जाता हूँ। पति से नमस्ते करता हूँ। चाय पीता हूँ। किसी को शक नहीं होने देता. अजीब लेकिन मजेदार experience । कहानी पढ़ के मज़ा या गया
कहानी पढ़ कर और कमेंट पढ़ के लग रहा है की मै अकेली नहीं हूँ बल्कि ये कहानी तो बहुतों के साथ घटित हुई है। मेरी शादी को 10 साल हो चुके थे और पति के सेक्स एक रूटीन। तो जब उस दर्जी ने ब्लाउज का नाप लेने के बहाने से कमर पर हाथ फेरा तो मेरे अंदर सनसनी दौड़ गयी और मै कमजोर पड़ गयी। सब कुछ जानते हुए भी की ये नाजायज फायदा उठा रहा है मै उस वर्जित और अनैतिक आनंद को महसूस करने के लिए मै ब्लाउज उतार के नाप देने को तैयार हो गयी। वो मुझे अंदर कमरे मे ले गया और पहले ब्लाउज और फिर ब्रा भी उतरवा लिया।
जब वो मेरी चूचियो को अपने हाथो मे जकडा तो मै नैतिक अनैतिक, जात पात, सब भूल गयी, उस वक़्त वो सिर्फ एक मर्द था और मै एक औरत। बहुत सालो के बाद मै इतना उत्तेजित हुई थी। उसने पूरा फायदा उठाते हुए मुझे नंगी कर के वहीं लिटा लिया। मर्दांगी मे वो कम नहीं था और वो मेरे को तबीयत से चोदा।
मै जब छोटा था तब हमेशा अपनी माँ के साथ बाज़ार जाया करती थी। माँ को मेरी दादी अकेले बाहर जाने नहीं देती थी इसलिए वो हमेशा मुझे साथ ले जाती थी। पिताजी मेरे गल्फ़ मे नौकरी करते थे और साल मे एक बार ही आ पाते थे और माँ ने अपनी शारीरिक जरूरतों के लिए कुछ लोगो से संबंध बना लिए थे। माँ मेरे को लेकर अक्सर एक दर्जी के पास जाती थी। दर्जी मेरे को दुकान पर बैठा के माँ को अंदर वाले कमरे मे ले जाता, कहता ‘नाप लेना है,’ और मेरे को कहता की अगर दूकान पर कोई आए तो कह दू की अंकल बाहर गए है और देर से आएंगे। माँ को लगता था की मुझे कुछ पता नहीं है पर मै कुछ कुछ समझने लगी थी और दरवाजे की झीरी से सब देखने भी लगी थी। मम्मी उस वक़्त 34-35 साल की भरपूर जवान औरत थी और घर का सारा काम करने की वजह से उनका शरीर बहुत कसा हुआ और सुडौल था। वो नंगी हो के दर्जी के उस कमरे मे नीचे गद्दे पर लेट जाती और दर्जी भी नंगा होके उनके ऊपर चढ़ जाता था। मुझे समझ नहीं आता था की वो मम्मी को प्यार करता है की पिटाई करता है, क्योकि को मम्मी को चूमता भी था पूरे शरीर पे और नोचता भी था और मम्मी की दर्द भरी आवाज मुझे सुनाई देती थी। मै उनकी पूरी हरकते देखती की कैसे वो मम्मी की टाँगे उठा के अपना डंडा उनके अंदर घुसा देता और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार के मम्मी को दर्द पहुंचता।
सब करने के बाद दर्जी पैंट पहन के बाहर आ जाता पर मम्मी को साड़ी पहनने के थोड़ा टाइम लगता। उस समय दर्जी मेरे को अपनी गोद मे बैठा के एक दो पप्पी मेरे गालो पर कर देता और कभी कभी टॉफी भी देता। एक दिन मै उसकी गोदी मे बैठी थी तो मेरे मुह से निकल गया की वो मम्मी को दर्द क्यो करता है, तो वो हंसने लगा और बोला की मम्मी को दर्द नहीं होता बल्कि मज़ा आता है। मै कौहुतूल से उसकी तरफ देखने लगी तो वो मुस्कुराने लगा और मेरी अर्धविकसित स्तनो को सहलाने लगा और बोला तेरे को पूरा समझा दूँगा किसी दिन। जब तक मम्मी बाहर आयी वो एक दो बार मेरे स्तनो को हल्के से मसल दिया और बोला दर्द हुआ क्या, मै हाँ के गर्दन हिला दी तो वो मुस्कुराने लगा बोला, मज़ा भी आया न।
एक दिन मै बाज़ार से अकेली जा रही थी तो दर्जी मेरे को अपनी दूकान पर बुला लिया। वो दुकान बंद कर दिया और मुझे ले कर अंदर वाले कमरे के आ गया, बोला आज तेरे को पूरा समझा दूँगा। उस दिन माँ की जगह मै नंगी होके लेटी उस गद्दे पे। मै जानती थी की अब क्या होगा और मै वो सब करना चाहती थी जो माँ करती थी। मैंने उसके गले मे अपनी बाहे डाल दी और वो मेरे होंटो को चूमते हुए मेरे स्तनो को मसलने लगा। वो फुसफुसाया, बेटी तो माँ से भी जायदा मस्त है। बहुत कुशलता से उसने मुझे रगड़ा मसला और फिर मेरी चूत मे तेल लगा के मेरा कौमार्ये भंग कर दिया।
मेरे को भी मेरे दर्जी ने चोद डाला था, पर मै लड़की नहीं लड़का हूँ। मै अपने बाप के साथ उसके पास जाया करता था फिर भी वो मेरे को इधर उधर हाथ लगा देता और मै जब भी उसकी तरफ देखता वो एसे हँसता जैसे मज़ाक कर रहा हो। एक दिन मै उसकी दूकान के सामने से गुजर रहा था तो वो मेरे को अंदर बुला लिया बोला की नाप ठीक से नहीं हुआ था फिर से लेने पड़ेगा। मै उसकी बातों मे आ गया और वो मेरे को पीछे बने अपने घर मे ले गया, उस वक़्त घर मे कोई नहीं था। वहाँ वो नाप के बहाने मेरे को हर जगह हाथ लगाया। मै शर्म, झिझक और उत्तेजना की वजह से कुछ कह नहीं पाया और वो मुझे अपने बिस्तर पर लिटा के ऊपर चढ़ गया। जब वो मेरे कपड़े उतारने लगा तो मुझे डर लगा पर तब तक देर हो चुकी थी। फिर मेरे साथ वही हुआ जो इस लड़की के साथ story मे हुआ, मै उसका लंड भी चूसा और फिर उसने मेरी गांड भी मारी।
Apni bhasha mein aisi kahani. Mashallah... Acche ghar ki kitni biwiyan betiyan chod chuki hai Darji ne. Hindu aurate Muslim Darji se hi kapde silwana pasand karti hai iska karan unka lund hota hai.
मैं जब 14 साल की थी तब मेरे को भी एक हरामि दर्जी ने chod दिया था। शर्म और नादानी की वज़ह से उसकी छेड़छाड़ की मैंने किसी से शिकायत नहीं की। एक दिन वो मुझे दुकान के अंदर वाले कमरे में दबोच लिया, बाहर वाले कमरे में उसका नौकर पहरा देता रहा। उसने मुझे फुसलाकर एसा काबु में किया की मैं उसे पूरा समर्पण करने को राजी हो गई।
जब वो मुझे नंगा करके मेरे ऊपर चढ़ने लगा तो मैं बहुत डर गई पर वो मेरा पूरा फायदा उठाया। मेरी दर्द भरी आवाजें बाहर उसका नौकर भी सुनता रहा।
हमारी बिल्डिंग के पास ही उस दर्जी की दुकान थी. उसके साथ हल्की-फुल्की मस्ती में मज़ा आता था, कभी-कभी वो नाप के बहाने हाथ लगा देता था गोलाई पर. अक्सर कहता आप घर बुलाया करो नाप के लिए वहां इत्मीनान से नाप लूंगा. मैं उसके इरादे समझती थी. बार बार कहता था कि bra न पहनूँ नाप देते हुए तो एक दिन मैं बिना bra के गई.
जैसे ही मैंने अंदर वाले कमरे में चुन्नी उतारी तो खुश हो गया देखते ही और लगा तारीफे करने और मैं शर्मा गई. मेरा कोई इरादा नहीं था उसे ज्यादा छूट देने का पर वो दरवाजा बंद कर दिया और पूरा फायदा उठाने लगा. धीरे-धीरे वो मेरे को पटा लिया कि कुर्ता भी उतार दूँ , पता नहीं क्यु अकल पर पत्थर पड गये थे और माहौल एसा हो गया कि मेरे बदन में सनसनी होने लगी और मैं थोड़ा और मस्ती करने के लिए कुर्ता ऊपर उठा दी.
उसके मर्दाना हाथ मेरे स्तन पर जम गये तो मेरे मुह से सिसकारी निकल गई. इसके बाद उसे और कुछ पूछने कि जरुरत नहीं पडी. वो मेरे को वही टेबल पर झुका दिया और मेरे को नंगा करके काबु में कर लिया. जब वो मेरे को पेल रहा था तो मैं आनंद के सागर में गोते खाने लगी क्योंकि पति के साथ अब एसा एक्साइटमेंट नहीं होता था.
उस दिन के बाद से वो घर भी आने लगा.
जब मै 18-19 की थी तब मै भी एसे ही अंकल अंकल करती हुई फंस गयी थी। वो दर्जी जान पहचान का था और पापा के साथ उठता बैठता था, दोनों साथ मे दारू भी पीते थे और वो मेरे को हमेशा बेटी बेटी बोलता था, पर साथ ही साथ वो मेरे साथ हंसी मज़ाक भी करता था। पीठ सहलाना, कमर मे हाथ डाल देना, गालो और बालो को सहला देना, ये सब तो वो जब मौका मिलता करता रहता। बड़ा ओपेन माइंड बनते हुए वो मेरे से बॉयफ्रेंड कौन है टाइप बात भी करने लगा, मै उसकी ये सब बाते सुन के शर्मा जाती।
फिर एक बार ब्लाउज़ सिलवाने गयी तो नाप लेने के बहाने अंदर कमरे मे ले गया और नाप लेते लेते हाथ लगता रहा और फिर ब्लाउज़ डीप नेक बनवाओ बॉय फ्रेंड को पसंद आएगा टाइप बाते शुरू हो गया। मै उसको बता बता के थक गयी की मेरा कोई बॉय फ्रेंड नहीं है पर वो छेड़छाड़ करता रहा और मै शर्म से पानी पानी होने लगी। पीछे से खुला रक्खो, आगे से खुला रक्खो वो हाथ लगा लगा के समझाने लगा और लड़को तो दीवाने हो जाएंगे तुम्हें देख के। अरे शर्मा क्यो रही हो, मुझसे क्या शरमाना, वो मेरे स्तनो को पकड़ के ऊपर उठाने लगा। मै शर्म के मारे जड़ सी हो गयी। पुच, पुच, हाथ नीचे रख, मुझे देखने तो दे, तेरे तो बहुत बड़े बड़े है, बहुत प्यारे है।
इसी तरह सहला के, फुसला के वो मेरा कुर्ता उतरवा दिया और बोला की कोई डिस्टर्ब न करे इसलिए दरवाजा बंद कर देता हूँ।
बहुत बढ़िया, कितने तने हुए है कोई सपोर्ट की भी जरूरत नहीं, थोड़ी देर मे ही वो मुझे पीछे से बांहों मे ले लिया और मेरी ब्रा ऊपर उठा के मेरे दोनों स्तनो को जकड़ लिया। मै अंदर ही अंदर उत्तेजित भी हो गयी, पर न नुकुर करती रही, छोड़ो छोड़ो बोलती रही।
थोड़ी देर मे जाना, वो इतनी गंभीरता से बोला की बरबस ही मेरी गर्दन हाँ मे हिल गयी। दोनों हाथो से वो भोपू की तरह मेरे स्तनो को बजाने लगा। मै अंकल आह, अंकल उह ही करती रह गयी। सबकुछ जानते समझते भी कामोतेजना मे मन यही बोल रहा था की होने दो जो हो रहा है।
अंकल वही मेरे को लिटा लिया और पेल डाला।
मेरा असली नाम
इमरान ख़ान है
और मैं एक मुस्लिम लड़का हूं
मेरी उम्र 26 साल है
पति चाहे कितना भी ओपन माइंड हो
लेकिन फिर भी औरत गैर मर्द की बाहों
में एकदम ओपन फील करती है वहा उसे जज करने जैसी फीलिंग नही आती.....
वो खुल के बोल सकती है की वो कितनी बड़ी चुद्दाकड है और उसे लंड से कितना प्यार है ... गैर मर्द के झटके खाते हुए वो उसे चिल्ला के कह सकती है की और जोर से मारो जबकि यही बात पति से कहने में हिचकिचाती है क्योंकि उसे डर होता है कि
ऐसा कहने से पति क्या सोचेगा या फ़िर चुद्दकड़ समझेगा तो डाउट करेगा ... ये डर उसे गैर मर्द के साथ नही होता बस यहीं कारण है कि औरत की मन पसंद चुदाई अक्सर गैर मर्द के साथ होती है... इसपे अगर वो मर्द उसे अपनी पसंद का मिल जाए और उसे भी वो मर्द प्यार करता हो सच्चे दिल से तो फिर एक औरत के लिए इससे बडकर कुछ नही ... लेकिन ऐसी खुशकिस्मत औरते बहुत कम होती हैं
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अकेला हू अभी l😍😍❤️❤️
दिल्ली, गाजियाबाद
नोएडा, फरीदाबाद
गुड़गांव