मेरी ननद संगीता

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वह कुछ देर सोचते रहे और फिर बोले.. "देखो यह बात कसी को नहीं बतानी... प्रॉमिस करो की तुम किसी को नहीं बताओगी..."

"प्रॉमिस भैय्या" मैं कही और उनका हाथ मेरे में लेकर प्रॉमिस करि। फिर भी 8, 10 सेकंड के लिए खामोश रहे और फिर फूस फुसाते बोले... "ज्योति बुआ..."

"क्या.. में अस्चर्य से कही... ज्योति बुआ... भैय्या वोह..वोह... पापा की छोटी बहन.... वही है ना..."

"हाँ वहीँ... मैंने कहा था ना तुम बिलीव नहीं करोगी।"

"यह... यह कैसे हुई भैय्या ... सचमे मुझे भरोसा नहीं हो रही है... वह इतनी घरेलू है और वैरी इन्नोसेंट दिखती है.... "

"वह बहुत लम्बी किस्सा है, फिर कभी.. बस इतना जान लो की बुआ ही मेरी सेक्स गुरु है.. उन्होंने ही मुझे सेक्स कैसे करनी है.. औरत को कैसे satisfy करना सिखाई थी.." बोले और फिर एक मिनिट लिए रुके... "संजू क्या तू अपने भैय्या को तुम्हारे लोटस बड्स (lotus buds) नहीं दिखावोगी?"

Lotus Buds.... भैय्या यह क्या पूछ रहे है... कहाँ से कहाँ चले गए... लोटस बड्स यानि कमल के फूल यहाँ कहाँ है... यही बात मैं उनसे पूछी.."यह लोटस बड्स क्या है भैय्या और कहाँ है .. मेरी समझ में कुछ नहीं आया..." मैं बोली।

व्ह मेरे आँखों के सामने दिख रहे है.. यह क्या है..." और उन्होंने मेरे छाती की ओर घूरने लगे। तब मैं समझ गयी की भैय्या क्या पूछ रहे है... वह मेरी नंगी बूब्स को देखना चाहते है...

"ओह भैय्या वह तो आपके ही है.. आप जब चाहे तब देख सकते हो..." कहती मैं उठकर बैठ गयी और मेरे शर्ट के बटन खोलने लगी। दो तीन पल में मैं शर्ट उतार फेंकि और कही ..." यह लो.. भैय्या तुम्हारे लोटस बड्स... आपके सामने..." कहते मैं मेरो बूब्स को आगे करि...

"My god how cute they are..." कहते भैया मेरे उरोजों पर टूट पड़े। एक को जोर से दबाए दूसरे को मुहं में लेकर चूसने लगे। उनका मेरे बूब्स को चूसना इतना मस्त था की मैं अपने आप को भूल गयी। "आआह्ह्ह्ह.. भइया मममम" कहते भैय्या के सर को मेरे बूब्स पर दबाने लगी। एक को चूसते दूसरे की निप्पल पिंच करते भैया मुझे पागल करने लगे। कुछ देर वैसा करनेके बाद वह रुके। भैया के सांसे तेज हो गयी। वैसे मेरे सांसे भी भारी हो गयी।

फिर भैया मेरे बूब्स छोड़ कर मेरी सफाचट पेट की ओर आकर्षित हुए। अपनी टंग निकल कर मेरे पेट को चाटने लगे। मुझे ऎसा लगा की मेरे शरीर पर हजारों चींटिया रेंग रहा है और उनकी टिकलिंग (tickling) को में सह नहीं पा रही हूँ।

"ओह.. भैय्या...यह क्या कर रहे हो तुम...आआह्ह्ह..न. गुद गुदी हो रही है..." मैं उनके चाटने को रोकने के लिए उनके बालों को पकड़ि।

" क्या कर रहा हूँ संजू... मेरी बहन को प्यार कर रहा हूँ..."

"भैय्या मुझे गुद गुदी हो रही है..." में बोली।

तुम मेरी GF हो न.. थोड़ी देर सहले.." कहे और फिर चाटने लगे। पेट के ऊपर अपनी जीभ चलाते चलाते वह में नाभि की ओर आये और उसके अपनी जीभ निकाल कर चुभाने लगे...

जैसे ही भैय्या ने नाभि में टंग घुमाई.. मैं सिहर उठी। नाभि में जीभ घूमते भैया के हाथ मेरी स्कर्ट पर आयी और उसके हुक खोलकर उसे निचे खींचने लगे।

मैं पनि नितम्ब उठाकर स्कर्ट निकालने में उन्हें सहयोग करि। मेरी नितम्बों के निचेसे स्कर्ट मेरी जंघोंकी पर से निचे को फिसली। अब में सिर्फ एक फ्लोरल पैंटी में हूँ। पैंटी के आग्रभाग में मेरी उभार साफ दिख रही है। दोनों फांकों की छबि भी दिख रही है...

"आह संजू... कितना फूली फूली है तुम्हारी बुर... वाह .." कहे और पैंटी के ऊपर से ही वहां अपना मुहं लगा दिए और मेरी फांकों को चाटने लगे। भैय्या वहां ऐसा करते ही मुझे 440 W की करंट लगी। सरा बदन एक बार झनझोर उठा।

"hhhhaaaammmm" में चिल्लाई और गांड उठायी। भैय्या पागलों की तरह वहां चाटने और उसे खाने लगे। अब मुझे सम्भला नहीं जा रहा है "भैय्या कुछ करो.. " में अपनी कूल्हों को उठाते बोली।

लेकिन भैय्या कब सुन ने वाले। वह मेरी पैंटी एक जोर का झटका दिए... फट फट फर्र .. मेरी पैंटी फट गयी।

"ओह भैय्या यह क्या अपने मेंरी पैंटी फाड़ डाली.." में शिकायत भरे स्वर में बोली।

"तू गभरा मत संजू.. कल ही तेरे लिए अच्छे से अच्छा पैंटी दिलादूंगा। चल अब अपने टाँगे खोल" कहे खुद ही मेरे टांगों को चौड़ा किये और अपनी मुहं अब मेरी नंगी चूत पर लगा दिए।

मेरी बुर के फाँकों पर अपना जीभ निचेसे ऊपर तक चलाये। भैया.... मममम...."में कही और उनके सर को मैं दोनों जांघों के बीच सैंडविच की तरह फसायी। फिर भी वह रुके नहीं.. और लगे चाटने खाने और एक ऊँगली भी अंदर करने लगे। भैया का दूसरा हाथ मेरी निप्पल से खिलवाड़ कर रही है। यह ट्रिपल अटैक से मेरी हालत नाजुक होने लगी।

मेरी चूतमें से पानी नहर की तरह बहरहि है। जैसे जैसे वह बहरही है.. भैया... उसे अपने गलेके निचे गटक रहे है।

"मममम.. भैय्या अब बस बहुत खुजली हो रहे है.. आवो मेरे सरताज.. अब चोदो मुझे..." में बेशर्म हो कर पूछी। .

"क्या करूं...?" मुझे छेढ़ते पूछे...

"चोदो मेरी चूत को.. वह बहुत चुदास हो उठी है.. अब डाल भी दो..." कहते मई भइया के लंड को मुट्ठी में पकड़ी और मेरी स्वर्गद्धार पर टिकाई।

भैय्या अपना मोटा सुपडे से फांकों पर रगड़े। "आअह्ह्ह..." मेरे मुहं से सिसकारी निकली।

"क्या हुआ संजू..." भैया अपना मुस्सल मेरे बुर पर दबाते पूछे।

"अब चोदो भी भैय्या अउर मत तड़पाओ..." में कहि और मेरी गांड ऊपर उठायी। भैय्या एक जोर का दक्का दिए।

"aaaaahhhhhh...mei...mareeeee " में दर्द के मारे चिल्लाई। भैय्या का एक तीर की तरह मुझे चीरती चलि गायी।

"नहीं भैय्या... न.. निकालो.. दा दर्द हो.. रहा . है..." में बोली। मेरी आँखो मे पानी आगया.. मैं भैया के निचे चट पटाने लगी।

"संजू.. बस होगया... एक hurdle था वह ख़तम होगया.. अब मजा ही मजा है.. "मेरी आँखों को चूमे, मेरी आंसू को चाटे और मेरे मुहं, गर्दन, और आँखों को चूमे मुझे राहत देने की कोशिश करने लगे।

"नहीं... भैय्या बहुत जलन सी हो रही है.. निकालो..प्लीज..." मैं रुआंसे स्वर में बोली।

"प्लीज गुड़िया रानी. भैय्या की बात नहीं मानेगी क्या... दो मिनिट, सिर्फ दो मिनिट बर्दास्त करो.. देखो बाद में कितना मजा अता है..." मेरे सरपर हाथ फेरते मुझे सांत्वना दे रहे थे।

भैय्या का मेरे में एक बोतले की कॉर्क की तरह अड्स गयी। में भैया की बात मान कर कुछ देर खामोश रही और ऑंखें बंद करी।

दो मिनिट तो नहीं कमसे कम चार पांच मिनिट बाद मुझे कुछ रहत मिली। ऐसा महसूस हो रही है की मेरे बुर के अंदर कुछ रिस रही है... और फिर फील करि की वह रिसती धार भैय्या क लण्ड को अभिषेक कर रही है। मेरे अंदर अब खुजली सी होने लगी। अनजाने में ही मेरे कूल्हे ऊपर उठे।

"संजू... चोदूँ " भैया पूछे। मैं अपनी गांड उठायी। भैय्या एक शॉट दिए... "aaaammmmhhhhh" मैं दर्द के मारे में चिलायी। अब की बार भैय्या पर मेरे चिल्लाने का कोई असर नहीं हुई। एक बार भैय्या अपना आधे तक बाहर खींचे और फिर जोरसे अंदर पेल दिए। "ममममम..." में दर्द को संभाली। भैय्या का पूरा का पूरा मेरे अंदर समां गयी और भैय्या के बॉल्स मी नितम्बों पर ठोकर मरने लगी।

"MMMm... उनका मोटा लंड मेरे चूत की दीवरों को रगड़ देने लगी। दूसरी ओर उनका सूपड़ा मेरे भाग नसे को दबाते मुझे स्वर्गमें लेचल रही है... सचमे मुझे दर्द तो हुआ लेकिन पूरा मजा भी मिलने लगी। ऊपर से भैय्या से चूदा रहि हूँ इस कल्पना मात्र से मैं पुलकित होने लगी।

अब मैं जोश मे आगयी "चोदो भैय्या चोदो अपनी बहन को.. बहनचोद कहीं के..." में कमर ऊपर उठाते बोली।

"साली... संजू.. तू कहां से सीखी ऐसी गाली... देखने में इतनी इनोसेंट दिखती हो.. लगता है तूने किसी से चुदवयी है" शॉट पे शॉट देते बोले।

"नहीं भैया.. कसम तुम्हारे इस लंड की.. मैं किसीसे नहीं करवाई.. तुम्ही मेरे पहले मर्द हो.. यह सब गालियां मैं मेरी सहेलियों से सीखी, अब बातें बस चोदो ..." कहती मैं कमर उछाल रही थी।

"साली छिनाल .. तू तो एक छिनाल की तरह चिल्ला रही है.. चोदो चोदो करके.. ले अब अपना भाई का लौड़ा.. कैसी है..?"

"बहुत मस्त है भैय्या.."

"भैय्या नहीं... सय्यां कह... ले अपनी सैय्यां का अपनी बुर में.. साली क्या तंग चूत है..." कहते चोदने लगे।

"गप..गपा....गप... भैय्या का मरे अंदर बाहर होने लगी। उनका लंड रेल इंजन पिस्टन की तरह अंदर बाहर होने लगी।

ऐसे ही गाली गलोज करते हम पूरे 20 मिनिट चुदाते रहे। तब तक मैं तीन बर झाड़ चुकी थी। फिर भैया बोले... "संजू मेरी निकलने वाली है.. अंदर छोड़ दूँ..?" पूछे।

"नहीं भैया.. नहीं.. मैं असुरक्षित हूँ.. अभी मेरा पीक पीरियड चल रहा है... अंदर मत डालो.. बाहर मेरे शरीर पर ही छोड़ो... कहीं भी डाल्दो..." मैं बोली।

भैय्या मुझे और दो, तीन मिनिट चोदते रहे और फिर अपना गरम गरम वीर्य मेरे छाती पर और पेट पर छोड़े।

तब कहीं जाकर उनकी सांस की गति सामान्य हुयी। हम वैसे ही कितनी ही देर पड़े रहे। फिर उठे.. साफ सफाई की और बूस्ट पी लिये।

बस फिर क्या.. जब तक में पूरी तरह ठीक न हुयी तब तक हम हर रोज कामलीला में डुबकी लगाते रहे।

फिर हमारा यह खेल हर समय जब मौका मिले तब तक चलता रहा... मेरी शदी के बाद भी। जब कभी भी हरीश ड्यूटी पे होते भैय्या मेरे घर आते और हम एक दूसरे को लिपट के पड़े रहते।

लेकिन जब से तुम भैया की जिंदगी में आयी हो... भैय्या मुझे भूल ही गए..." कहते संगीता अपनी राम कहानी ख़तम करि।

तो दोस्तों.. यह रही मेरी ननद संगीता की पहली चुदाई का दास्तान... जो उसने मुझे सुनाई वही मैंने आपके मनोरंजन के लिए प्रस्तुत किया है.. संगीता की अनुभव कैसी है अपने कमेंट में जरूर दे।

अब विदा लेती हूँ... अलविदा.. मेरे दोस्तों....फिर एक नयी एपिसोड के साथ मिलेंगे.. तब तक के लिए आपकी चहेती हेमा की सलाम खूबूल करो।

bye bye

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2 Comments
AnonymousAnonymous6 months ago

Mazaa nahi aai, Mai Gujju Schoolgirl (15 saal) Parul hu.Aap kabhi Valsad aao to mile. Mere dostto ke sath khoob dhamaal kiya hai uski videos hai Parul

AnonymousAnonymousabout 2 years ago

Bahut khub, shandaar

Nivedan h ek story jeth or bhabhi (chote bhai ki biwi ) fase lockdown m p bi likh do - bada ling 6 inchi or bade doodh bare chuchi 32d

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