जवान लड़की का अधेड़ बॉयफ्रेंड़

PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

दूसरे दिन वह दोपहर में निशा के साथ आ गयी। मैंने उन दोनों से चाय के लिये पुछा तो उन्होंने मना कर दिया। आज दोनों का मन किसी और बात में लग रहा था। मैंने रजनी से पुछा कि उस का क्या विचार है तो वह बोली कि आज तो आप इस से ही प्यार करो।

उस की बात सुन कर मैं मुस्करा दिया। मेरे मन में कोई विचार आ रहा था। अगर सब कुछ सही रहा तो उसे पुरा किया जा सकता था। लेकिन अभी मैं इस विचार को प्रगट नहीं करना चाहता था सो इस लिये चुप रहा।

मैं निशा को लेकर कमरे में आ गया। रजनी बाहर बैठी पढ़ने लगी। कमरे में आ कर मैंने निशा से पुछा कि वह खुश है या किसी मजबुरी से आई है तो उस ने सर हिला कर ना कहा। मैंने उसे बेड पर बिठाया और उस के साथ बैठ गया। निशा कुछ झिझक सी रही थी। मेरे साथ उस का परिचय नहीं था। मैंने उस से ज्यादा बात करना चाहता था लेकिन मन कह रहा था कि बातों में समय बेकार मत कर।

उसी की मान कर मैंने निशा को अपनी बांहों में लेकर कर चुमा और उस की पीठ पर हाथ फिराया। निशा के होंठ भी मेरे होंठों से जुड़ गये। हम दोनों एक-दूसरें के लबों का रस पी रहे थे। काफी देर तक हम दोनों का चुम्बन चला।

निशा का बदन गुदाज था। हर अंग मांसल था। मेरी पसन्द के शरीर की मालकिन थी निशा। चुम्बन के कारण मेरी जाँघों के मध्य में खुन का दौरा बढ़ गया था। चुम्बन के बाद हम दोनों अलग हो गये। अब देर करने का कोई कारण नहीं था।

मैंने अपने कपड़ें उतार कर रख दिये। मैं केवल ब्रीफ में आ गया था। निशा के कुर्ते को मैंने उतार दिया। अब वह लाल रंग की ब्रा में मेरे सामने थी। उस के 32 इंच के भरे हुये स्तन ब्रा में समा नहीं रहे थे। वह शर्मा भी नहीं रही थी मैंने उस के उरोजों को ब्रा के उपर से ही सहलाया और उन के मध्य में चुम्बन ले लिया। फिर हाथों से पीठ के पीछे से ब्रा के हुक को खोल दिया और ब्रा को हटा कर एक तरफ रख दिया।

अब निशा के भरे और तने उरोज मेरे सामने थे। उन्हें देख मेरे होंठ सूख रहे थे। मैंने निशा को बेड़ पर लिटा दिया और झुक कर उस के एक उरोज के भुरे निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और उसे चुसना शुरु कर दिया। दूसरे उरोज को हाथ में लेकर दबाया और मसला।

निशा आहहहहहहहहहहहहहह उहहहहहहहहहहहह..... करने लगी।

दोनों उरोजों का मर्दन और रस चुस कर मेरे होंठ उस की कमर पर आ गये। उस की कमर 26 इंच की थी उस की नाभी को चुम कर मेरे होंठ नीचे की तरफ चल दिये। वहाँ पर उस की सलवार के रुप में बाधा मौजुद थी। मैंने कपड़ें के ऊपर से ही उस की जाँघों को सहलायाऔर अपने हाथ को नीचे पंजों पर ले जाकर उन्हें भी सहलाया।

मेरी यह हरकत निशा के शरीर में उत्तेजना की लहर पैदा कर रही थी। वह भी गर्म हो रही थी। कुछ देर में कपड़ों के ऊपर से ही उसे भड़काता रहा फिर जब मुझ से बर्दास्त से बाहर हो गया तो मैंने उस की सलवार का नाड़ा खोल कर उसे नीचे कर के उतार दिया।

अब निशा लाल पेंटी में मेरे सामने थी। 34 इंच के कुल्हें मेरे सामने थे। अब रुकना गलत था। मैंने उस की पेंटी को भी नीचे कर के उतार दिया और उस की हल्कें बालों से ढ़की योनि को हथेली से सहलाया। इस से निशा के शरीर में कंपकपी सी उठी।

मैंने उस की योनि के अंदर अपनी उंगली को डाल दिया। फिर धीरे से उसे अंदर बाहर करना शुरु किया। निशा का चेहरा उत्तेजना के कारण लाल सा हो रहा था। वह इस खेल में अपनी तरफ से भाग नहीं ले रही थी। शायद पहली बार के कारण ऐसा हो रहा था।

मुझे उस का जीस्पाट मिल गया और मैं उसे रगड़ कर निशा का उत्तेजित कर रहा था। उत्तेजना के कारण निशा ने मेरा सर पकड़ कर नीचे झुकाया और मेरे होंठ अपने होंठों से भींच लिये। वह उन्हें जोर-जोर से काट रही थी। वासना की आग उस के शरीर में पुरी तरह से जल गयी थी।

अब देर करना सही नहीं था। मैंने अपनी ब्रीफ उतार दी और लिंग पर कंड़ोम चढ़ा लिया फिर मैं उस की टांगों के बीच बैठ गया और उस की योनि को अपने 6 इंच के फुले लिंग से सहलाने लगा। इस से निशा तड़फने लगी।

ज्यादा देर ना कर के मैंने लिंग को योनि के मुँह पर लगा कर दबाया और लिंग का मुँह योनि में घुस गया। निशा के चेहरे पर दर्द के भाव आये। मैंने उन की परवाह ना करके दोबारा जोर लगाया और लिंग को निशा की योनि में धकेला तो निशा उहहहहहहहहहहहहह आहहहहहहहहहहहह.... करने लगी।

तीसरे प्रहार में लिंग निशा की कसी योनि में समा गया। हम दोनों के शरीर के नीचे हिस्से एक हो गये। कुछ पल रुकने के बाद मैंने धक्कें लगाने शुरु कर दिये। निशा की कसी योनि मेरे लिंग को अंदर से कस रही थी।

आहहहहहहहहहह उहहहहहहहहहहहहहहहहहह

धीरे करो ना

मैंने अपने प्रहारों की गति कम कर दी।

ज्यादा दर्द हो रहा है?

दर्द है लेकिन ज्यादा नहीं है

मैं धक्कें लगाता रहा। फिर मैं कुछ देर के लिये रुक गया। मैं थोड़ा सा थक गया था सो निशा के ऊपर से उतर कर उस की बगल में लेट गया।

इस बार मैंने निशा को अपने ऊपर कर लिया और उस की योनि में लिंग डाल दिया। वह अपने कुल्हों को ऊपर नीचे करने लिंग को अंदर बाहर करने लग गयी। उस की बांहें मेरी छाती पर थी। उस का चेहरा उत्तेजना के कारण लाल हो रहा था और वह आँखें बंद करके संभोग का आनंद उठा रही थी। मैं उस की लटकटी मोटी छातियों का रस पीने लगा, इस में मुझे बहुत मजा आ रहा था। अब इस उम्र में ऐसे उरोजों का रस कहाँ पीने को मिलता है?

निशा आँखें बंद किये अपने कुल्हें उठा कर मेरे लिंग को अंदर समाने लग गयी। हम दोनों वासना की आग में जल रहे थे। कमरें में फचा-फच की आवाज आने लगी जो यह बता रहा था कि निशा स्खलित हो गयी थी और उस की योनि का रस मेरे लिंग से मिल कर आवाज कर रहा था। मुझे बहुत आनंद आ रहा था।

लेकिन यह ज्वार कभी तो उतरना था ही मुझे जब लगा कि मैं डिस्चार्ज होने वाला हूँ तो मैंने निशा को नीचे कर लिया और उस के ऊपर आ कर धक्कें लगाने लगा। कुछ देर बाद मेरी आँखें मुंद गयी और मैं निशा के ऊपर गिर गया।

चेतना आने पर उस के ऊपर से उठ कर बगल में लेट गया। निशा की छातियाँ अभी भी ऊपर-नीचे हो रही थी। कुछ देर बाद हम दोनों संभोग की उत्तेजना के खत्म होने के बाद शान्त हो गये। मैंने निशा से पुछा कि कैसा लगा तो वह बोली कि आज तक ऐसा म़जा नहीं आया था। आप तो जान निकाल देते है। एक जवान लड़की के मुँह से यह सुन कर मेरा मन चौड़ा हो गया।

हम दोनों कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे फिर मुझे कुछ ध्यान आया तो मैंने रजनी को आवाज दी। वह शायद कमरे के बाहर ही थी सो आवाज सुनते ही दरवाजा खोल कर अंदर आ गयी। हम दोनों को देख कर बोली कि क्या बात है, मैंने उस से पुछा कि अब तेरा नंबर है तो वह बोली कि ऐसे कैसे होगा?

मैंने कहा कि अब तीनों प्यार करते है। वह पहले तो अनमनाई सी बोली कि अभी कर पायेगे? मैंने कहा कि जब तक तुझे गर्म करुँगा तब तक मैं भी तैयार हो जाऊँगा। फिर तीनों मिल कर मजें करेगे। मेरी बात पर निशा खुश दिखाई दी।

एक नया अनुभव हम तीनों के लिये ः-

रजनी अपने कपड़ें उतार कर बेड पर लेट गयी। मैं उसके बदन को सहलाने लगा। मेरी दूसरी तरफ निशा लेटी थी और वह मेरे शरीर को सहला रही थी। ऐसा करने से तीनों के शरीर में फिर से काम अग्नि भड़क गयी। सामने से रजनी मुझे चुमने लग गयी और निशा पीछे से मेरी गरदन को चुम रही थी। दोनों तरफ से जवान शरीरों से घिर कर मुझे बहुत म़जा आने लगा।

मैंने रजनी के स्तनों को सहलना शुरु किया, सहलाने के बाद मैंने उस के निप्पलों को अपने होंठों में ले कर चुसना शुरु कर दिया। रजनी के होंठ मेरे कंधें पर आ गये थे। वहाँ पर काट कर उस ने होंठों से मेरी छाती पर अपनी गरम सांसें मेरी छाती पर छोड़नी शुरु की।

आज वह मेरे साथ सहज नजर आ रही थी। उस के हाथ ने मेरी जाँघों के मध्य में पहुँच कर मेरे शान्त पड़े लिंग को सहला कर उसे तनाव दिलाने की कोशिश करनी शुरु कर दी। उस की कोशिश कुछ देर में रंग भी लाने लगी। मेरा लिंग धीरे-धीरे तनाव लेने लगा।

निशा पीछे से मेरी पीठ पर चुम्बन ले कर नीचे की तरफ आ गयी और उस के होंठ मेरी पीठ पर उन की छाप लगा कर नीचे कुल्हों को अपने दांतों से काटने लगी। उस की यह हरकत मेरे शरीर में आग और भड़का रही थी। उस के हाथ मेरी पिड़लियों को सहला रहे थे।

फिर उस के हाथ मेरे लिंग पर आ गये और वहाँ पर रजनी को हाथों का पा कर नीचे अंड़कोषों पर पहुँच गये। उन्हें मसल कर उत्तेजित करने लग गये। इस में उसे बहुत मजा आ रहा था लेकिन उस की यह हरकत मेरे को मजा तो दे रही थी लेकिन दर्द भी कर रही थी।

रजनी और मैं गहरे चुम्बन में रत हो गये। रजनी बहुत उत्तेजित हो रही थी। इसी वजह से वह मेरे होंठों को काट रही थी।

हम दोनों काफी देर तक एक-दूसरे को लबों का रस पीते रहे। इस के बाद मैंने उसे पीठ के बल लिटाया और उस के ऊपर आ गया। आज मेरा मन कुछ और करने को कर रहा था। मैंने उस के स्तनों को चुसा और उस की नाभी को चुम कर उस की जाँघों के बीच आ गया। मेरी जीभ ने रजनी की उभरी हुई योनि को ऊपर से चाँटना शुरु किया।

उस की योनि से पानी निकल रहा था मैंने जीभ उस की योनि में डाल दी। रजनी का सारा शरीर इस से कांपने लगा। मेरी जीभ उस की योनि का अंवेषण करती रही। इस के बाद मैंने उस की भग को होंठों में ले कर चुसना शुरु कर दिया।

रजनी आहहहहहहहहहहहहह उहहहहहहहहहहहह करने लग गयी। कुछ देर बाद उस ने अपनी टाँगे बेड पर पटकनी शुरु कर दी। मुझे लगा कि अब देर करने की जरुरत नहीं है।

मैंने उस की जाँघों में बैठ कर उस की टाँगें चौड़ी की और उस की योनि पर अपने फुले हुये 6 इंच के लिंग को लगा कर धक्का दिया। लिंग का सुपड़ा रजनी की योनि में घुस गया। वह कराही, मैंने जोर लगा कर आधा लिंग उस की योनि में उतार दिया। उस ने सर इधर उधर पटकना शुरु किया। मैंने जोर से धक्का लगा कर पुरा लिंग उस की योनि में डाल दिया।

कुछ क्षण थमने के बाद मैंने धक्कें लगाना शुरु किया। थोड़ी देर बाद रजनी भी नीचे से कुल्हें उठा कर मेरा साथ देना शुरु किया। हम दोनों एक ही रफ्तार में एक-दूसरे को धक्कें लगा रहे थे। कमरा फचा-फचा की आवाज से भरने लगा।

निशा ने उठ कर रजनी के स्तनों पर चुम्बन लेना शुरु किया। उस की जीभ रजनी के स्तनों को चाट रही थी। मैं रजनी को भोग रहा था। निशा रजनी को भोग रही थी। सही अर्थों में हम थ्रीसम कर रहे थे। कुछ देर थक कर मैं रजनी के ऊपर से उतर गया और उस की बगल में लेट गया।

अब रजनी के ऊपर निशा आ गयी और वह उस के होंठों को चुम रही थी। इस के बाद निशा ने रजनी के स्तनों के निप्पलों का रस पीना शुरु कर दिया। निशा भी पुरी तरह से भड़क चुकी थी, उस की आग को भी मुझे ही शान्त करना था। कुछ देर तक दोनों एक-दूसरें को चुमती सहलाती रही।

मैंने उठ कर निशा के पीछे से आ कर उस की योनि में अपना लिंग डाल दिया, पहले तो वह चिहुंकी लेकिन फिर इस का मजा लेने लगी। कुछ देर उसे भोगने के बाद मैंने उसे नीचे लिटा दिया और रजनी को ऊपर करके रजनी के पीछे से उस में प्रवेश किया। रजनी को यह पोजिशन पसंद आ रही थी।

वह आहहहहहहहहहहहह उहहहहहहहहहहहह............ करके अपनी सहमति जता रही थी। उस के होंठ निशा को चुम रहे थे। मेरे हर धक्कें पर उस के मुँह से कराह निकल रही थी। काफी देर हम इसी आसन में रहे। रजनी कई बार स्खलित हो चुकी थी। अब निशा की बारी थी सो मैंने उसे अपनी गोद में बिठा कर भोगना शुरु कर दिया।

हम दोनों एक-दूसरे के मुँह में अपनी जीभों से किल्लोल कर रहे थे। निशा जोर जोर से कुल्हें उठा कर मेरे लिंग को योनि में समा रही थी। कुछ देर हम इस आसन का मजा लेते रहैं। हम तीनों जने पसीने से नहा गये थे।

मैंने निशा को गोद से उतारा और रजनी को अपनी गोद में बिठा लिया। हम दोनों कुल्हें उठा कर एक दूसरे का आनंद उठा रहे थे। कुछ देर बाद मुझे लगा कि अब मैं स्खलित होने वाला हूँ तो मैंने उसे पीठ के बल लिटा दिया और जोर जोर से धक्कें लगाना शुरु किया। कुछ देर बाद बड़ें जोर से मैं स्खलित हो गया।

पस्त हो कर मैं रजनी के ऊपर लेट गया। जब दम आया तो उस के ऊपर से उठ कर बगल में आ गया। निशा भी हाँफ रही थी। रजनी भी हाँफ रही थी। तीनों जने कुछ देर तक शान्त पड़े रहे। जब सांस में सांस आयी तो मैंने रजनी से पुछा कि आज कैसा लगा?

पता नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है, अच्छा लगा

मुझे भी अच्छा लगा

नयी चीज थी, पहली बार करी है

बहुत म़जा आया आज तो

सारा बदन दर्द कर रहा है, चलने में पता चलेगा

कोई बहाना कर देना

मैं कह दूंगी कि यह मेरे घर में फिसल गयी थी

तुम दोनों पुरी बदमाश हो

और आप तो जैसे बहुत शरीफ हो

तुम्हारें मन का ही तो कर रहा हूँ

आप का फायदा नही हो रहा है?

सो तो है

ऐसा करते है उठ कर अपने को साफ करके कपड़ें पहनते है फिर चाय पीते है। कुछ देर और कुछ काम करते है तब तक सब की तबीयत सही हो जायेगी।

यह सही रहेगा

मैंने उठ कर उन्हें तोलिया दिया और वह अपने आप को साफ करने लगी। मैं भी कपड़ें पहन कर तैयार हो गया। तीनों कमरें से बाहर आ कर बैठ गये और मैं सब के लिये चाय बनाने किचन में आ गया। चाय बना कर दोनों के लिये चाय ले कर कमरे में आ गया। दोनों किताबों को खंगाल रही थी। चाय देख कर रजनी बोली कि अंकल बिस्कुट होते तो मजा आ जाता। मैंने उसे बताया कि आज तो खत्म है अगली बार उसे जरुर खाने के लिये मिलेगे।

कुछ देर चाय पीने के बाद जब दोनों चलने लगी तो मैंने पुछा कि कुछ चाहिये तो दोनों ने ना में सर हिला दिया। लेकिन मैंने दोनों के हाथ में कुछ रुपयें रख दिये। दोनों ने आज मेरी बहुत पुरानी फैन्टेसी पुरी करी थी, इतना तो करना बनता था। दोनों ने चुपचाप नोट पर्स में रख लिये और चलने लगी। उन के जाते समय में मैंने ध्यान से देखा कि दोनों की चाल में कोई फर्क नहीं था। दोनों इस खेल में पारंगत थी, इस लिये उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई थी।

आज के थ्रीसम में मुझे तो बहुत मजा आया था। बहुत दिनों से मन में कामना थी लेकिन पुरा होने का कोई मौका कभी मिला ही नहीं था। लगता था कि इस उम्र में यह हो भी पायेगा या नहीं? आज यह इच्छा भी पुरी हो गयी थी। पता नहीं दोनों लड़कियों को कितना मजा आया था? अगली बार जब मिलना होगा तो दोनों से पुछुँगा।

दोनों के साथ मेरा संबंध काफी लम्बा चला और हम तीनों ने इस का काफी मजा लिया। इस के बारे में फिर कभी।

-- समाप्त --

12
Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

देवाशीष और दीपा की दूबारा सुहागरात शादी के बाद पत्नी का पति के साथ संबंध बनाने से मना करना।in First Time
इरोटिक लेखक से प्रशंसिका का मिलना प्रशंसिका का इरोटिक कहानी लेखक से मिलना और दोनों का मिलनin Erotic Couplings
बिजली रिपेयर पड़ोसन के यहाँ बिजली सही करने जाना और उस से प्यार करनाin Erotic Couplings
पहाड़ों पर बरसात पहाड़ों पर रहने के दौरान खाना बनाने वाली लड़की से बने संबंधin Erotic Couplings
बरसात की यादगार रात बरसात में पड़ोसन को लिफ्ट देना और बाद में उस के साथ मस्तीin Erotic Couplings
More Stories