Mein Aur Meri Bahu

PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

मसल रहे थे. सन्नी भी उन दोनो को देख गरमाने लगा था, उसका
लंड भी धीरे धीरे खड़ा होता जेया रहा था.

"सन्नी तुम क्या करना चाहोगे, क्या तुम रवि से या मुझसे पहले गंद
मरवाना चाहोगे?" राज ने उससे पूछा.

"मुझे लगता है पहले तुम ही अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दो जिससे
रवि का लंड लेने मे मुझे आसानी होगी." सन्नी ने राज से कहा.

"ठीक है फिर अपने घुटनो पर झुक जाओ और अपने हहतों से अपने
चुतताड पकड़ कर तोड़ा फैला दो." राज ने कहा.

सन्नी बिस्तर का कोना पकड़ झुक गया. राज उसके पीछे आकर उसकी गंद
पर क्रीम लगाने लगा. रवि उसके चेहरे के सामने आया और अपना लंड
उसके होठों पर रगड़ने लगा. राज ने अपना लंड उसकी गंद मे दल दिया
और रवि उसके मुँह को छोड़ने लगा.

बबिता हैरत से खड़ी अपने बेटे को देख रही थी जिसके मुँह मे रवि
का लंड अंदर बाहर हो रहा था, और राज ने अपना लंड उसकी गंद मे
अंदर तक पेला हुआ था.

बबिता इस नज़ारे को देख गर्माती जेया रही थी. तभी रश्मि एक दम
नंगी कमरे मे दाखिल होती है और सन्नी के पास झुक कर उसका लंड
अपने मुँह मे ले चूसने लगती है. सन्नी ने चौंकते हुए रश्मि की
और देखा जो उसके लंड को जोरों से अपने मुँह मे ले चूस रही थी.

सन्नी इस तीहरे माज़े से इतना उत्तेजित हो गया था की उसे ज़्यादा देर
नही लगी अपना पानी रश्मि के मुँह मे छोड़ने मे. सन्नी का वीर्या
रश्मि के गले के अंदर छूट रहा था और वो उसे निगलते जेया रही
थी. रश्मि उसका वीर्या छूटने के बाद भी उसके लंड को चूस उसे
बहते पानी को पीटी रही. रश्मि का लंड चूसना जारी रखने से
सन्नी का लंड मुरझाया नही बल्कि खड़ा खड़ा रहा.

"वाआह माआज़ाअ आअगाअ में साचमुच रष्मम्मी के मुँह मईए
झदादा एक लड़की के मूँह मे." सन्नी खुशी से उछलते बोला.

"हन सुन्न्नी तुमने ऐसा कर दिया, और तुम्हारे वीर्या का स्वाद भी
बहोट अक्चा है." रश्मि अपने होठों पर अपनी जीब फेरते हुए बोली.

"सन्नी अब ऐसा करो रश्मि रवि के लंड पर चढ़ अपनी छूट मे लंड
लेगी और तुम पीछे से उसकी गांद मे अपना लंड डालना. तुम्हे गंद के
अंदर से रवि के लंड का एहसास होगा." रवि ने सन्नी से कहा.

रवि बिस्तर पर पीठ के बाल लेट गया और रश्मि उसके उपर चढ़ उसके
लंड को अपनी छूट मे ले लिया. रस्मी उपर नीचे होते हुए उसके लंड
को अंदर तक लेने लगी. जब रवि का लंड पूरी तरह उसकी छूट मे
घुस गया तो वो बैठ गयी और आयेज को झुक गयी.

राज ने रश्मि की गांद क्रीम से चिकना किया फिर सन्नी के लंड को
पकड़ उसकी गंद के छेड़ पर लगा दिया. सन्नी ने तोड़ा ज़ोर लगते हुए
अपना लंड उसकी गंद मे घुसा दिया वहीं राज ने अपनी उंगलियाँ सन्नी
की गंद मे घुसा दी.

"ओह रवि मुझे ऐसा लग रहा है की तुम्हारा लंड मेरे लंड को चू
रहा है, में उसके मोटे लंड को महसूस कर रहा हूँ." सन्नी उत्तेजित
होते हुए बोला.

तभी राज ने अपना लंड सन्नी की गांद मे दल दिया. अब चारों ताल से
ताल मिलने की कोशिश करते हुए एक दूसरे को छोड़ रहे थे.

"ऊवू प्ररीईटी आब्ब्ब में ज़्यादा नााी डेक्ककख साकटि मईरी
छूट मे आअग लगग्गी हु है." बबिता धीरे से मेरे कान मे
फुसफुसा.

"लाओ में तुम्हारी मदद करती हूँ," कहकर मेने बबिता की स्कर्ट
उपर उठा कर उसकी पनटी उसके घुटनो तक नीचे कर दी.

मेने अपना हाथ बबिता की छूट पर रख दिया और उसे मसालने और
रगड़ने लगी. बबिता इतनी उत्तेजित थी की वो अपनी छूट को मेरे
हहतों पर दबा रही थी. में समझ गयी की बबिता काफ़ी उत्तेजित
है मेने अपने हाथ की रफ़्तार बढ़ा दी. बबिता का बदन तोड़ा सा
आकड़ा और उसकी छूट ने मेरे हाथों पर अपनी छोड़ दिया. उसने अपने
बाहों से अपने मुँह को दबा रखा था जिससे उसकी सिसकारियाँ ना सुनाई
दे.

"ऑश तांक यूऊ प्रीएटी." वो धीरे से बोली और मेरी बाहों मे
समा गयी.

हम दोनो फिर चारों को देखने लगे. तीनो लड़के अपने लंड को ताल से
ताल मिला छोड़ रहे थे. जब रवि का लंड रश्मि की छूट से निकलता
तो सन्नी का लंड उसकी गंद मे अंदर तक घुस जाता. जब सन्नी अपना
लंड रश्मि की गंद से निकलता हुए पीछे को होता तो रवि का लंड
रश्मि की छूट मे अंदर घुसता वहीं राज का लंड सन्नी की गंद मे.

चारों काफ़ी उत्तेजित थे ये उनके चेहरों से दिखाई दे रहा था.
रश्मि जोरों से सिसकते हुए तीहरी चुदाई का मज़ा ले रही थी.
वहीं सन्नी तो जैसे दूसरी दुनिया था, एक तो वो रश्मि की गांद मार
रहा था वही अपनी गंद राज से मरवा रहा था.

वो चारों भयंकर चुदाई मे जुटे हुए में देख रही थी की सभी
झड़ने की कगार पर थे, तभी सन्नी जोरों से चिल्ला पड़ा, "ऊवू
राअज ओह राआज."

"ठीक है सन्नी घबराव मत, झाड़ जाने दो तुम्हारे लंड को हम सभी
का छूटने वाला है." राज ने सन्नी से कहा.

"ऊवू मेराा चूऊओटने वाअला हाई ओह चूओता." सन्नी जोरों
से चिल्ला पड़ा.

सन्नी का शरीर आकड़ा और उसके लंड रश्मि की गंद वीर्या उगल दिया.
सन्नी उत्तेजी हो जोरों के धक्के लगा रहा था. उसके धक्कों की वजह
से राज के लंड ने सन्नी की गंद मे वीर्या छोड़ दिया. रश्मि का इस
दौरान कितनी बार पानी छूटा पता नही पर वो निढाल होकर रवि की
सिने पर पद गयी जब रवि के लंड ने उसकी छूट को अपने पानी से
भर दिया.

"मुबारक हो सन्नी पहले तुम मेरे मुँह मे झाडे और अब मेरी गंद मे."
रश्मि ने उससे कहा.

"हे भगवान, इतनी भयंकर चुदाई मेने अपनी जिंदगी मे पहेले
कभी नही की. तुम सही कहते थे राज मेने बड़ी आसानी से रश्मि मे
झाड़ गया और मुझे मज़ाअ भी बहोट आया." सन्नी खुश होते हुए
बोला.

"ठीक है हम थोड़ी देर आराम करते है और एक दूसरे के शरीर सिर्फ़
खेलनगे. फिर मे चाहता हूँ की इसके बाद तुम आकेयलए रश्मि के साथ
चुदाई करो. मेरा मतलब है की तुम दोनो अक्एलए तीसरा कोई नही. या
तो रश्मि तुम्हारा लंड चूसेगी या तुम रश्मि की गंद एक बार फिर
मरोगे, बिना कोई लंड अपनी गंद मे लिए." राज ने उससे कहा.

"सन्नी यहाँ मेरे पास आओ. में चाहती हूँ की तुम मेरी चुचियाँ से
खेलो. में चाहती हूँ की तुम इन्हे चूसो और मेरे निपल को अपनी
उंगलियों ले भींचो." रश्मि ने उसे सीखते हुए कहा.

सन्नी रश्मि के पास आ गया और उसकी चुचियों से खेलने लगा. जिस
तरह रश्मि ने उसे समझाया था ठीक उसी तरह वो उन्हे मसालने
लगा, और अपनी उंगली और अंगूठे से उसके निपल को भींचने लगा.
फिर रश्मि के बायाए अनुसार वो उन्हे चूमने और चूसने लगा.

"सन्नी मेरे निपल्स को अपने मुँह मे लेकर इस तरह चूसो जैसे की
वो छोटा सा लंड हो." रश्मि ने सन्नी से कहा.

सन्नी रश्मि की बाटीएन मानता गया और ठीक वैसे ही करने लगा
जैसा रश्मि कहती जाती. अपने बेटे सन्नी को रश्मि के साथ देखते
हुए बबिता अपनी उंगली अपनी छूट मे डाल अंदर बाहर कर रही थी.
मेने खुद अपना हाथ अपनी पनटी मे दल अपनी छूट को मसल रही थी.
लड़कों के लंड भी एक बार फिर खड़े हो गये थे.

"तुम क्या लेना चाहोगे सन्नी? मेरे मुँह को या मेरी गंद को?" रश्मि
ने सन्नी से पूछा.

"तुम्हारी गंद लेकिन तुम एक बार फिर उसी तरह रवि के लंड को अपनी
छूट मे ले लो." सन्नी ने अपनी इक्चा बताई.

एक बार फिर रश्मि रवि के लंड पर चढ़ गयी और उसके लंड को अपनी
छूट के अंदर ले लिया. राज ने अपना लंड उसके मुँह के सामने किया
जिसे रश्मि ने अंदर लेकर चूसना शुरू कर दिया.

सन्नी अब उसके पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गंद के अंदर दल
धक्के लगाने लगा. वो चारों फिर एक बार चुदाई मे लग गये.

"अब में ज़्यादा नही देख सकती मुझे अपनी छूट की खुजली किसी
तरह मिटानी होगी." बबिता ने कहा.

बबिता और में अपनी छुपने वाली जगह से बाहर आए भाग कर मेरे
कमरे मे पहुँचे. एक बार कमरे मे आते ही हम दोनो ने अपनी पनटी
उत्तर दी. बबिता बिस्तर पर लेट गयी और में 69 अवस्था मे उसके
उपर लेट गयी. हम डॉन ने एक दूसरे की छूट चूसना शुरू कर दिया.
एक बार हमारा पानी छूट गया तो हमने बाकी के भी कपड़े उत्तर दिए
और फिर से एक दूसरे के साथ प्यार करने लगे. थोड़ी देर बाद हम
दोनो नकली लंड अपनी छूट मे घुसा एक दूसरे का पानी चूड़ने
लगे.

जब हम तक कर लेते हुए थे, में उन चारों के बारे मे सोच रही
थी. मुझे विश्वास था की अभी भी वो चारों चुदाई मे लगे हुए
होंगे और सन्नी दूसरी बार रश्मि की गंद मे झदेगा.

थोड़ी देर बाद बबिता और मेने खुद को सॉफ किया और कपड़े पहन
बाहर आ गये. हम दोनो इस तरह आए की किसी को ये लगे की हम
शॉपिंग कर के आ रहे है.

वो चारों अभी भी कमरे मे ही थे. में और बबिता हॉल मे कुछ
खाने पीने का इंतेज़ां करने लगे. थोड़ी देर बाद वो चारों भी आ
गये और हमारे साथ छाई नाश्ता करने लगे.

थोड़ी देर इधर उदहर् की बातें करने के बाद हम सब नहाने और
तय्यार होने चले गये. प्रशांत करीब एक घंटे मे काम से वापस
आने वाला थे, हम उसके आने से पहले रात के खाने के लिए तय्यार
हो जाना चाहते थे.


प्रशांत हम सब को रात के खाने के लिए बाहर ले गया. हम सब ने
वो रत नाचते गाते खाते पीते गुज़री. जब सब तक गये तो हम सब
घर की और चल पड़े.

एक बार घर पहुँचते सब सो जाना चाहते थे. एक बार फिर जोड़े
बने, हमेशा की तरह प्रशांत ने रश्मि को चूना. रवि बबिता के
साथ चला गया और में आकेली कमरे मे आ गयी. पर थोड़ी देर बाद
राज और सन्नी मेरे कमरे मे आ गये. उस रात मेरे बेटे और भतीजे
ने मिलकर मुझे दोहरी चुदाई का मज़ा दिया.


गुरुवार: सन्नी का काम ज्ञान और बढ़ा


दूसरे दिन मेरी आँख खुली तो राज और सन्नी मेरे बिस्तर मे ही थे.
एक बार फिर दोनो ने मेरी साथ सहत चुदाई की. चुदाई के बाद हम
सबने स्नान किया और नीचे नाश्ते के लिए आ गये. जब हम नीचे की
और बढ़ रहे थे तो मुझे प्रशांत के कमरे से मादक आवाज़ें सुनाई
दी, और हम उसके कमरे मे झाँकने से अपने आपको नही रोक पाए.

बबिता पीठ के बाल लेती हुई थी और उसकी टाँगे रवि के कंधो पर
रखी हुई थी. रवि उसकी टॅंगो को पकड़ जोरों से उसकी छूट छोड़
रहा था. उसके हर धक्के के साथ उसकी टाँगे उसकी छाती से छिपात
जाती और उसका लंड जड़ तक बबिता की छूट मे घुस जाता. बबिता की
छूट पानी पर पानी छोड़ रही थी, आख़िर तक कर उसने उसे रुकने को
कहा.

"रुक जाओ रवि, अब में और नही से सकती."

रवि ने अपना लंड उसकी छूट से बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा.
थोड़ी देर मुठियाते ही उसके लंड ने ज़ोर की पिचकारी छोड़ दी. लुडन से
वीर्या बैयटा के पेट और छाती पर गिर रहा था. रवि के वीर्या ने
बबिता को उसके सिर से लेकर उसकी छूट तक भिगो दिया था और बबिता
बड़े प्यार से उस वीर्या को अपने शरीर पर मलने लगी.

सन्नी ने कभी अपने माता पिता को चुदाई करते नही देखा था, और ना
ही उसे उमीद थी की वो रवि को अपनी मया को छोड़ते देखा. उसके मुँह
से आवाज़ नही निकल रही थी. वो अजीब नज़रों से अपनी मया को देख
रहा था जो रवि के वीर्या को अपनी उंगली मे ले चाट रही थी.

जैसे ही हम तीनो दरवाज़े से हटने लगे रवि और बबिता की नज़रें
हम पर पद गयी.

"पिताजी कहाँ है?" सन्नी ने अजीब से आवाज़ मे अपनी मया से पूछा.

"लगता है वो अभी तक मेरी पत्नी को छोड़ रहे है." राज ने जवाब
दिया.

"हहे भगवान ये क्या हो रहा है. इसका मतलब है की तुम सब आपस मे
चुदाई करते हो? मेरी मया और पिताजी भी इसमे शामिल है." सन्नी ने
चौंकते हुए कहा.

तभी रश्मि राज और अपने कमरे से बाहर आई, "ये इंसान तो सही मे
पूरा गान्डू है. इसे गांद मरने के अलावा कुछ सुझाई ही नही देता.
ऐसा नही है की मुझे गंद मरवाना पसंद नही है, पर मेरी छूट
को भी तो लंड की ज़रूरत है." रश्मि ने कहा.

रश्मि जब ये सब कह रही थी तो सन्नी उसे घुरे जेया रहा था.
अचानक रश्मि की नज़र सन्नी पर पड़ी.

"धात तेरी, माफ़ करना सन्नी पर में क्या करूँ तुम्हारे पिताजी मेरी
गांद को छोड़ते ही नही. बस एक बार हाथ मे आनी चाहिए." उसने
लगभग माफी माँगते हुए कहा.

"रवि और बबिता कहाँ है?" रश्मि ने पूछा.

"उनकी चुदाई अभी अभी ख़त्म हुई है." राज ने कहा.

"वो दोनो अभी तक बिस्तर मे है, फिर तो मज़ा आएगा मेरी छूट मे
जोरों की खुजली हो रही है." कहते हुए रश्मि कमरे मे घुस गयी.

"देखना चाहोगे?" मेने सन्नी से पूछा.

सन्नी ने सिर्फ़ अपनी गर्दन हन मे हिला दी. हम तीनो फिर कमरे मे
झाँकने लगे. रश्मि बिस्तर पर चाड अपनी कूट बबिता के मुँह पर
रख दी थी, और बबिता जोरों से उसकी छूट को चूसने लगी थी.
हुँने उन तीनो को उनके हाल पर छोड़ा और नीचे आकर नाश्ते का
इंतेज़ाम करने लगे.

थोड़ी देर बाद प्रशांत नाश्ते की टेबल पर आया. नाशत करने के
बाद वो अपनी ऑफीस कम पर चला गया. थोड़ी देर बाद रवि आया तो
मेने पूछा की बबिता और रश्मि क्या कर रहे है.

"वो दोनो अभी भी चुदाई कर रहे है, मेने जब कमरे से निकाला तो
बबिता नकली लंड लगा रश्मि को छोड़ रही थी." रवि ने जवाब दिया.

जब रवि ने ये कहा तो वो सन्नी को देख रहा था उसे लगा की सन्नी
कुछ कहेगा. पर अब सन्नी सब कुछ समझ गया था इसलिए वो
चुपचाप अपना नाश्ता करता रहा. रवि हम सब के साथ नाश्ता करने
लगा, तभी बबिता और रश्मि भी आ गयी.

"में तो भूक के मारे मारे जेया रही हूँ." बबिता ने कहा.

"में भी." रश्मि भी बोल पड़ी.

"एक दूसरे की छूट चूस कर क्या तुम दोनो का पेट नही भरा," रवि
उन्हे चिढ़ते हुए बोला.

"रवि तुम अपने काम से काम रखो समझे." बबिता और रश्मि साथ मे
बोल पड़ी.

हम सब इनकी बाटीएन सुनकर जोरों से हंस पड़े. हम सब ने नाश्ता
किया और फिर सब हॉल मे आकर बैठ गये.

"तो फिर तुम सबका आज का प्रोग्राम क्या है?" मेने पूछा.

हम सबके बीच ये तय हुआ की सुबह हम सब आराम करेंगे. फिर
दोपहर का खाना खाने के बाद थोड़ी देर गार्डेन मे धूप सेकेंगे.

करीब शाम के वक़्त रवि मुझे और बबिता को नीचे बुलाने आया. जान
हम नीचे पहुँचे तो राज और सन्नी को रश्मि की चुदाई करते देख
चौंक पड़े.

रवि हमे घसीट कर कमरे मे ले आया और अपने कपड़े उत्तर बबिता के
कपड़े उत्तरने लगा. मेने भी उनकी देखा देख अपने कपड़े उत्तरे और
अब कमरे हम चह लोग एक दम नंगे थे.

बबिता को देख मुझे लग रहा था की वो थोड़ी चिंतित है, अपने बेटे
के सामने उसे इस तरह नंगा होना अलग बात है, पर साथ मे सामूहिक
चुदाई मे हिस्सा लेना अलग बात थी. पर राज और रश्मि शायद तय कर
चुके थे की किसे क्या करना है.

राज ने ये तय किया की सन्नी और बबिता हम सब के बीच मे रहेंगे
क्यों की वो हमारे मेहमान थे. बबिता इस तरह लेती थी की रश्मि
उसपर 69 की अवस्था मे थी. सन्नी बबिता की गंद मरेगा, और रवि
रस्मी की. मुझे इस तरह घोड़ी बना दिया गया था की में चारों को
देख सकूँ और मेरा बेटा मेरी गंद मरेगा.

सन्नी को अपनी मया के साथ इस तरह चुदाई मे हिस्सा लेने मे तकलीफ़ हो
रही थी, इसलिए राज ने अपना लंड मेरी गंद से निकाला और सन्नी की
गंद मे घुसा दिया. जब सन्नी काफ़ी उत्तेजित हो गया तब उसने अपना
लंड अपनी मया की गंद मे घुसा दिया.

राज ने फिर अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दिया और मेरी गंद मरने
लगा.

सन्नी इतना उत्तेजित हो गया था की अब उसे ये परवाह नही थी की वो
अपना लंड किसकी गंद या छूट मे घुसा रहा है, उसे तो मतलब था
सिर्फ़ छोड़ने से.

बबिता भी रश्मि की छूट चूस्टे हुए उत्तेजना मे इतनी खोई हुई थी
की वो ये भूल गयी की उसकी गंद मे उसके बेटे का लंड अंदर बाहर हो
रहा है. उसे तो बस इतना पता था की रश्मि उसकी छूट को चूस कर
उसे मज़ा दे रही थी.

थोड़ी देर मे रवि ने अपना वीर्या रश्मि की गंद मे छोड़ दिया और
सन्नी ने बबिता की और दोनो औरतें अपने छूट का रस एक दूसरे के
मुँह मे छोड़ रही थी. राज मेरी गंद मे झाड़ा तभी मेने अपना रस
अपने हाथों पे छोड़ दिया.

"हे भगवान मुझे विश्वास नही हो रहा की मेने अपनी मया की गंद
मारी है और उसकी गंद मे अपना वीर्या छोड़ा है." सन्नी उत्तेजना मे
बोला.

"हन सन्नी अब तुम्हारा इस परवियर मे स्वागत है जहाँ तुमने परिवार
की सब औरतों की चुदाई की जैसे मेने और रवि ने." राज ने सन्नी से
कहा.

"आज मे पूरी तरह से छिनाल और रंडी बन गयी हून." बबिता रोते
हुए बोली.

"अपने आपको इतना मत कोसो. ये सिर्फ़ जिस्मानी सुख के लिए किया गया
और हम सब भी तो करते है." राज ने उसे समझते हुए कहा.

"चलो अब सुख दुख, अक्चा बुरा इन सब बातों को छोड़ो और बहविषया
मे हम कितना मज़ा कर सकते है ये सोचो." रश्मि ने कहा.

बाकी का पूरा दिन हम सब मज़े करते रहे. हँसना, चुटकुले सुनना,
खाना खाना और सबसे आहें बात चुदाई करना. आख़िर रात के खाने
के बाद फिर सोने का समय आ गया. हर बार की तरह पराशांत ने
रश्मि के साथ सोना पसंद किया. बबिता ने कोई ऐतराज़ नही किया क्यों
की आज की रात वो सोना चाहती थी.

शुक्रवार : प्रशांत का परवियर के साथ शामिल होना


दूसरे दिन प्रशांत के अलावा सब सुबह देर तक सोते रहे. प्रशांत
जल्दी ही उठ गया था और नहा धो कर अपने ऑफीस काम पर चला
गया. हर कोई किसी के उठने के इंतेज़ार मे बिस्तर मे पड़ा रहा.
आख़िर जब सब कोई नीचे किचन मे पहुँचे तो दोपहर के खाने का
समय हो चुका था. सभी ने सिर्फ़ छाई कॉफी पी.

खाने के लिए हम सब घर के बाहर निकले जिससे थोड़ी सैर भी हो
जाए. करीब के ही रेस्टोरेंट मे हमने खाना खाया और जब घर की
और बढ़ रहे थे तो हल्की बारिश शुरू हो गयी थी. घर पहुँचते
पहुँचते हम सब पूरी तरह भीग चुके थे.

हम सभी ने कपड़े बदले और हॉल मे आकर ग़मे खेलने लगे. ग़मे
खेलते खेलते फिर सब वहीं आकर टिक गये. चुदाई पर.

"असली खेल तो अब शुरू होगा." कहकर रश्मि ने अपने कपड़े उत्तर
दिए.

राज और रवि ने भी रश्मि को देख अपने कपड़े उत्तरे, "सन्नी तुम
किसका इंतेज़ार कर रहे हो, देखते नही औरतें अपने कपड़े उत्तर
चुकी है." रवि ने कहा.

सन्नी ने शरमाते हुए अपने कपड़े उत्तरे. उसका लंड पहले से ही टन
कर खड़ा था. मेने बबिता की और देखा, तो वो भी मुस्कुरा कर अपने
कपड़े उत्तरने लगी.

सभी कोई काफ़ी उत्तेजित हो चुके थे, और जोड़े बनने मे ज़्यादा वक़्त
नही लगा. रश्मि ने सन्नी को ज़मीन पर लिटा दिया और उस पर चढ़
उसके लंड को अपनी छूट मे ले लिया.

राज मेरी बेहन बबिता पर चढ़ गया, और रवि ने मेरी छूट को अपने
लंड से भर दिया. हालाँकि में रवि से कई बार छुड़ा चुकी थी फिर
भी हर बार मुझे ऐसा लगता था की उसका मूसल लंड मेरी छूट को
चिर देगा.

"हाआँ सुन्न्ञणनी चूओड़ो मुज्ज़झे, ऑश मेरि चूओत को फाड़ दो
अपनी पहली चूऊत की चाआटनी बना दो आअज," रश्मि सन्नी को ज़ोर के
धक्के मरने के लिए उकसा रही थी, "हाआँ यही धक्के मरो ऑश
माआ ऑश."

रश्मि इतनी उत्तेजित थी की उसका छूट ने जल्दी ही पानी छोड़ दिया,
और सबसे खास बात ये थी उसकी छूट सन्नी के लंड के लिए पहली
छूट थी. रश्मि उछाल उछाल कर सन्नी के लंड पर धक्के मारती
रही और फिर से झाड़ गयी.

बबिता भी झड़ने की कगार पर थी, राज कस कस कर धक्के मार उसकी
छूट को छोड़ रहा था. जैसे ही उसकी छूट ने पानी छोड़ा उसका
शरीर उत्तेजना मे काँप उठा.

वहीं रवि बड़े प्यार से और धीरे धक्के मार कर मुझे छोड़ रहा
था. उसके मोटे और विशाल लंड के धक्के मुझे इतना सुख दे रहे थे
की मुझे नही पता मेरी छूट ने कितनी बार पानी छोड़ा.

"हाआँ चूड़ दो तुम्हारा पानी मेरी चूओत मे ऑश अपनी पहली छूट को
भर दो अपने वीर्या से ऑश हाआअँ," रश्मि चिल्ला रही थी.

"हे भगवान आज मेने कर दिया, आज मेने एक छूट छोड़ी है,
रश्मि मेने तुम्हारी छूट मे अपना पानी छोड़ा, ऑश रश्मि तुम
कितनी आक्ची हो?" सन्नी खुशी मे उछलते हुए बोल रहा था.

रश्मि ने सन्नी को अपनी बाहों मे इस तरह भर लिया की वो उसका प्रेमी
हो, और आज पहली बार शारारिक सुख का आनंद लिया हो. रश्मि ने उसके
होठों को चूमा और उसे बधाई दी.

बैयटा तो झाड़ चुकी थी पर राज अभी झाड़ा नही था, इसलिए उसने
अपना लंड बबिता की छूट से निकाला और सन्नी और रश्मि के पास
जाकर खड़ा हो गया.

"तुम मे से कोई मेरे लंड को चूसना चाहेगा?"

रश्मि ने आयेज बढ़ कर अपना मुँह खोला और राज के लंड को पाने मुँह
मे ले लिया. थोड़ी देर चूसने के बाद उसने राज के लंड को सन्नी के
सामने कर दिया. सन्नी भी राज के लंड को अपने मुँह मे ले चूसने
लगा. बरी बरी से राज के लंड को वो दोनो चूस्टे रहे. थोड़ी देर मे
राज ने अपने वीर्या की पहली पिचकारी सन्नी की मुँह मे फिर दूसरी
रश्मि के मुँह मे छोड़ दी.

"ऐसी चुदाई देख कर तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो रहा है." रवि
अपने लंड को सहलाते हुए बोला.

"हन खुजली तो मेरी छूट मे भी हो रही है." बबिता उसके लंड को
पकड़ मसालते हुए बोली.

"सन्नी एक बात याद रखना चाहे जितनी छूट छोड़ने को मिले पर लंड
का स्वाद चखना मत छोड़ना." राज ने सन्नी से कहा.

"नही मे नही छोड़ूँगा, फिर भी तुम सबका धन्यवाद की तुमने मुझे
चुदाई का सही अर्थ समझा दिया." सन्नी ने जवाब दिया.

रश्मि उप्पर गयी और अपने साथ वो लंबा वाला डिल्डो ले कर आ गयी.
मुझे पता नही था की रश्मि के दीमग मे क्या चल रहा है, हम
सब उसके बोलने का इंतेज़ार कर रहे थे.

"बबिता मुझे लगता है की अब तुम्हारी तीहरी चुदाई होनी चाहिए,
तीनो लड़के तुम्हे मिलकर छोड़ेंगे. मेने और प्रीति तो ये मज़ा कई
बार ले चुके है, हम चाहते है की तुम भी ये मज़ा लो." रश्मि ने
कहा.

"हन ज़रूर" मेने तुरंत कहा, "जब तक बबिता मेरे पास रह रही
है, में चाहती हून की वो हर तरह की चुदाई का आनंद ले."

मेरा इतना कहना था की रवि बिसतर पर चिट लेट गया और उसका खड़ा
लंड हवा मे उठा हुआ था. बबिता उत्तेजना मे उसपर चढ़ गयी और
उसके खड़े लंड को अपनी छूट पर लगा नीचे बैठने लगी. जब रवि
का पूरा लंड उसकी छूट मे घुस चूका तो वो अपनी छूट को तोड़ा
हिला उसके लंड को महसूस करने लगी.

राज बबिता के मुँह के सामने आ गया और अपने लंड को उसके होठों से
बिधा दिया. बबिता ने अपना मुँह खोला और उसे लंड को चूसने लगी.
रश्मि ने बबिता की गंद पर थोड़ी क्रीम लगा कर उसे चिकना कर
दिया. सन्नी का लंड अभी तक खड़ा था नही था इसलिए राज उसके लंड
को चूस कर खड़ा करने लगा.

सन्नी फिर अपनी मया के पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गंद पर
घिसने लगा. उसने धीरे धीरे अपना लंड बबिता की गंद मे घुसाया तो
उसे रवि के लंड का एहसास होने लगा जो चाँदी की दूसरी और से उसकी
मया की छूट मार रहा था. अब तीनो ताल से ताल मिलकर बबिता को
छोड़ने लगे.

रश्मि और मेने उसे दोहरे मुँह वेल डिल्डो के दोनो सिरों को अपनी
छूट मे लिए और एक दूसरे को छोड़ने लगे. हम सब चुदाई मे इतना
खोए हुए थे की हमने दरवाज़ा खुलने की ना तो आवाज़ सुनी और ना
ही प्रशांत के कमरे के अंदर आने की.

"ये क्या हो रहा है यहाँ पर, क्या मेरे पीछे से तुम सब चुदाई
करते रहते हो. लगता है की तुम सब मेरे जाने के बाद सामूहिक
चुदाई करते रहते हो," प्रशांत चिल्लाते हुए बोला.

"अपना मुँह बंद रखो, जल्दी से कपड़े उत्तरे और हमारे साथ शामिल
हो जाओ," रश्मि प्रशांत से बोली.

प्रासहंत पहले तो अचंभित सा खड़ा रहा फिर उसेन अपने कपड़े
उत्तरे चारों तरफ देखने लगा की शुरुआत कहाँ से करे. उसका लंड
खड़ा नही था इसलिए राज ने उसे अपने पास बुलाया, "प्रशांत तुम
अपना लंड बीबिता के मुझे मे दे दो जिसे ये चूस कर खड़ा कर देगी."

प्रासहंत ने अपना लंड बीबिता के आयेज किया जिसे वो अपने मुँह मे ले
चूसने लगी. रवि और सन्नी उसकी गंद और छूट की चुदाई किए जेया
रहे थे.

प्रशांत को विश्वास नही हो रहा था की उसका बेटा अपनी ही मया की
गंद मार रहा हिया. वो तो और भी चौंक पड़ा जब राज ने अपना लंड
सन्नी की गंद मे घुसा उसकी गंद मरने लगा.

थोड़ी ही देर मे प्रशांत का लंड टन कर खड़ा हो गया. प्रशांत
अपनी पसंदीदा जगह पर आ गया, यानी रश्मि की गंद के पीछे. हम
दोनो ने अपनी अपनी छूट से डिल्डो निकाला और रश्मि घूटने को बाल
घोड़ी बन गयी. प्रासहंत ने देर किए बिना अपना लंड रश्मि की गंद
मे पेल दिया.

में अपनी बेहन बबिता के सामने इस तरह से खड़ी हो गयी की मेरी
छूट ठीक उसके मुँह के सामने थी. बबिता ना अपने हाथों से मेरी
छूट को फैलाया और मेरी छूट मे अपनी जीब घुसा चाटने लगी.

1...67891011