Mein Aur Meri Bahu

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भर दिया. रवि का वीर्या उसके मुँह से बहता हुआ उसकी थोड़ी से होता
हुआ उसकी चुचियों पर गिर रहा था.

रश्मि ने बबिता को अपने पास खींचा और उसेक होठों से और चेहरे
से रवि के वीर्या को चाटने लगी. उसने पूरा वीर्या चाट कर बबिता
का चेहरा सॉफ कर दिया.

प्रशांत और बबिता, रश्मि राज और रवि के व्यवहार से चौंक से
गये थे. ठीक है सेक्स उन्हे भी अक्चा लगता था पर इतना खुल्लम
खुल्ला और समुझीक चुदाई के ये आनंद उन्हे और उत्तेजित कर गया
था.

बबिता को मेने सब पहले से बताया था, पर सुनने मे और हक़ीकत मे
ऐसी चुदाई करने मे ज़मीन आसमान का फ़र्क था. प्रशांत का लंड
बबिता की चुदाई देखकर एक बार फिर खड़ा हो गया था. वो रश्मि की
गांद मे लंड दल उसे छोड़ना चाहता था.

रश्मि इसके लिए तय्यार होगआई सिर्फ़ इस शर्त पर की उसे बबिता की
छूट चूसनी है. प्रशांत को रश्मि की गांद मरने मे मज़ा आया
और थोड़ी ही देर मे वो झाड़ गया. रश्मि जोरों से बबिता की छूट
चूस रही थी और साथ ही साथ डिल्डो उसकी गंद मे घुसा अंदर बाहर
कर रही थी.

जब प्रशांत झाड़ कर अलग हो गया तो रश्मि इस अंदाज़ मे घूमी की
उसकी छूट अब बबिता के मुँह पर थी. बबिता ने रश्मि से वो डिल्डो
ले लिया और रश्मि की छूट मे घुसा दिया, साथ ही वो उसकी छूट को
अपनी जीब से चाट रही थी.

"ऑश बब्ब्बीटा चूओत मे नाहि मेरी गाअंड मे डालो इसे." रश्मि
सिसकते हुए बोली.

बबिता ने वो डिल्डो उसकी गंद मे घुसा अंदर बाहर करने लगी, और
उसकी छूट को चूसने लगी. दोनो एक दूसरे की छूट को चूस रहे
थे, ये नज़ारा लड़कों के लंड को खड़ा करने के लिए काफ़ी था.

तीनो जाकर बबिता के पास कहदे हो गये और अपने अपने लंड मसालने
लगे. रश्मि के हटते ही रवि नीचे लेट गया और बबिता को अपने उपर
करते हुए अपना लंड उसकी छूट मे घुसा दिया.

प्रशांत उसकी पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गांद मे घुसा धक्के
मरने लगा. और मेरा बेटा अपनी मासी के मुँह को छोड़ने लगा. आज की
रात सही मे बबिता के नाम थी. उसके शरीर का एक भी ऐसा छेड़
नही बहका था जो छुड़ा ना हो. बबिता की छूट पानी पर पानी छोड़े
जेया रही थी. वो कितनी बार झड़ी अब तो ये गिनती भी याद नही थी.

"हे बबिता में रवि के लंड को अपने लंड से टकराते महसूस कर
रहा हूँ." प्रशांत खुशी से चिल्लाया.

बबिता को दोनो छेड़ दोनो लंड से फैल गये थे. उसका शरीर आकड़ा और
एक बार फिर उसकी छूट ने पानी छोड़ दिया. राज ने उसके मुँह मे पानी
छोड़ दिया. थोड़ी देर बाद रवि और प्रशांत ने साथ साथ उसकी छूट
और गांद मे पानी छोड़ दिया. बबिता उत्तेजना मे काँप रही थी.

"हे भगवान अब और सहन नही होता, प्लीज़ में तक गयी हूँ
तोड़ा आराम करना चाहती हूँ." बबिता ने कहा.

सब कोई बुरी तरह तक गये थे और हम सबने ये तय किया की अब सो
जाना चाहिए. पूरा रविवार पड़ा था मज़ा करने के लिए. रात के
साथी बदल गये थे, प्रशांत रश्मि के साथ, रवि बबिता के साथ
और राज मेरे साथ. मुझे पता था की बबिता को सुबह जब रवि अपने
खड़े लंड से जागेगा तो उसे क्या मिलने वाला था.

रविवार एक मस्ती का दिन


रविवार की सुबह मुझे ऐसा महसूस हुआ की किसी का लंड मेरे
छूतदों मे चुभ रहा है. में ये भूल गयी थी की रात मे कौन
मेरे साथ सोया था पर वो जो कोई भी था काफ़ी उत्तेजित था. उसके हाथ
मेरी छाती पर आए मेरे ममो को मसालने लगे. वो अपनी उनलीयान मेरी
निपल पर इस तरह फिरने लगा की मेरे शरीर मे भी गर्म आ गयी.

"गुड मॉर्निंग मया! सुबह सुबह अगर मे तुम्हारी गांद मारो तो तुम्हे
बुरा तो नही लगेगा?" राज ने मुझसे पूछा.

अब मुझे याद आया राज मेरा बेटा मेरे साथ सोया था, और उसकी बीवी
रश्मि मेरे जीजाजी यानी प्रशांत के साथ सोई थी, और मेरी बेहन
बबिता रवि के साथ.

राज ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया और साथ साथ ही मेरी छूट
मे अपनी उनली दल अंदर बाहर करने लगा. वो इतना उत्तेजित था की
ज़्यादा देर नही ठहर सका और उसके लंड ने मेरी गंद मे पानी छोड़
दिया. उसने अपना लंड बाहर निकाला और बातरूम मे चला गया. थोड़ी
देर बाद वो नहा कर और कपड़े पहन बाहर आया.

"में किचन मे जाकर कॉफी बनता हूँ." कमरे से जाते हुए राज
ने कहा.

में भी बिस्तर से उठी और बातरूम मे घुस नहाने लगी. कपड़े
पहन मे बाहर आई तो मेरा मान किया क्यों ना देखा जाए की सुबह
सुबह सब क्या कर रहे है. किसी ने भी अपने कमरे का दरवाज़ा बंद
नही किया था इसलिए देखना और सुनना आसान था. मेने बबिता के
कमरे मे झाँक कर देखा और मेने जैसा सोचा था वैसे ही रवि उसे
छोड़ रहा था.

"ऑश हीए भाआगवान राआवी और नहिी अब मुझमईए टकककत नहिी
है रुक्क्क जाआओ." बबिता सिसक रही थी.

जैसे मुझे उमीद थी रवि बातरूम मे पिशब कर के आया और अपना
लंड बबिता के मुँह के सामने कर दिया. मुझे पता था की वो ज़्यादा
देर नही रुक पयाएगा और उसके लंड ने बबिता के मुँह को भर दिया.
हर बार की तरह रवि के लंड ने इतना पानी छोड़ा की बबिता उसे निगल
ना पाई और वो पानी बबिता की थोड़ी से होता हुआ उसकी चुचियों पर
गिर रहा था.

रवि ने अपने लंड को उसके मुँह से बाहर निकाला और उसके चेहरे से
वापस सब वीर्या को लगा उसके मुँह मे फिर से लंड घुसा दिया.
बबिता उस वीर्या को अपनी जीब से चाटने लगी.

मेने उन दोनो को वहीं छोड़ा और रश्मि के कमरे के बाहर आ गयी.
रश्मि घोड़ी बनी हुई थी और प्रशांत पीछे से उसकी गांद मार रहा
था.

"ओह आआआअ राअष्मम्मी मीराअ एक बाअर फिर्र चूओत रहा है."
प्रशांत बड़बड़ा रहा था.

"हाां चूओद आपना सारा पानी मेर्र्री गांद मे ऑश हाअ कितना
गरम प्ाअनी हाऐी तुम्हारा." रश्मि सिसक रही थी.

मुझे विश्वास नही हो रहा था की मेरे घर मे चुदाई का ऐसा खुला
दौर भी कभी चलेगा. में किचन मे आई और नाश्ता और कॉफी
बनाना मे राज की मदद करने ल्गाई. हम दोनो बाकी सब के आने का
इंतेज़ार करने लगे.

नाश्ते के टेबल पर हम प्रशांत और बबिता के आने वेल साप्ताह के
बारे मे बात करने लगे. प्रशांत ने कहा की वो आज रात अपने घर
चला जाएगा और दूसरे दिन ऑफीस मे छुट्टी की अप्लिकेशन देकर
सन्नी उनके बेटा के साथ कल शाम तक वापस आ जाएगा.

प्रशांत मुस्कुराते हुए रश्मि की और देख रहा था, "और पूरे हफ्ते
तुम्हारी गांद मरने को मिल जाएगी."

रश्मि टेबल से खड़ी हुई और अपनी गंद उसके सामने नाचते हुए
बोली, "कल से क्यों अभी से हर समय मार सकते हो."

रश्मि की ये अदा देख सब हँसने लगे. हम सबने नाश्ता ख़तम
किया. हम टेबल सॉफ कर रहे थे की देखा रश्मि और प्रशांत वापस
कमरे मे चले गये थे. शायद जाने से पहले वो रश्मि की गंद एक
बार और मारना चाहता था, मेने सोचा.

थोड़ी देर बाद प्रशांत अपने काम से चला गया. में और बबिता
ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ बातें करने लगे. राज रश्मि और
रवि घूमने के लिए बाहर गये हुए थे. करीब टीन घंटे बाद वो
वापा आए और हमारे पास बैठ गये.

बबिता हमे अपने बेटे सन्नी के बारे मे बताने लगी. वो बता रही थी
की सन्नी एक अजीब ही लड़का है. इस जवानी मे भी कॉलेज मे उसकी कोई
लड़की दोस्त नही है. ना ही वो दोस्तों के साथ बाहर जाता है ना ही
उसने आज तक कोई गर्लफ्रेंड बनाई थी. जब भी वो उससे इस विषय
पर बात करती थी तो वो हमेशा ये कह कर ताल देता था की उसे
पढ़ाई से ही फ़ुर्सत नही मिलती है.

"शायद उसे लड़को मे दिलचस्पी हो!" रश्मि ने पूछा.

"रश्मि तुम्हारा दिमाग़ खराब हो गया है." में उसपर चिल्ला पड़ी.

तभी बबिता बोली, "प्रीति ऐसा हो सकता है, कई बार मेरे भी मान
मे यही विचार आया है."

"बबिता तुम चिंता क्यों कर रही हो." रवि ने कहा, "इस साप्ताह वो
यहाँ आ ही रहा है हम सब को पता चल जाएगा की उसकी दिलचस्पी
किस चीज़ मे है."

"अगर वो गन्दू हुआ तो हम उसे लड़कियों को छोड़ना भी सीखा देंगे."
राज ने हंसते हुए कहा."

"इस काम के लिए तो में ही काफ़ी हूँ, में उसे ऐसी चुदाई शिक्षा
दूँगी की वो कभी भूल नही पाएगा." रश्मि मुस्कुराते हुए बोली.

राज खड़ा हुआ और अपना प्लान बताने लगा, "सन्नी सोमवार की रात को
प्रशांत के साथ आ रहा है. मंगलवार को जब प्रासहंत काम पर
चला जाएगा तब तुम तीनो औरतों शॉपिंग के लिए चले जाना और
सन्नी को मेरे और रवि के साथ छोड़ देना. आइसिस दौरान में उससे खुल
जौंगा और पता लूँगा की उसे क्या पसंद है."

"जब हमे उसकी पसंद पता चल जजयगी तो आयेज उस हिसाब से पेश
आएँगे." रवि ने कहा.

बबिता को राज का सुझाव पसंद आया और वो मान गयी. वो ये जानना
चाहती थी की कहीं उसका बेटा गानु तो नही है. उसे विश्वास था की
राज और रवि, अगर सन्नी को लड़कों मे दिलचस्पी हुई तो उसकी सोच को
बदल उसे लड़कियों की तरफ आकर्षित कर देंगे.

उस रात हम सब खाने के लिए बाहर गये. रात के ख़ान एके बाद हम
सब नाइट ड्रेस पहन हॉल मे इकट्ठा हो गये. जब सोने का समय
आया तो सब मेरे कमरे मे इक्कथा हो गये. बबिता हमारी मेहमान थी
इसलिए उसकी पसंद पहले थी को वो रात किसके साथ गुज़ारे.

हम सब कपड़े उत्तर कर नंगे हो गये. पहले मेने अपना सिर बबिता
की जांघों मे गुसा उसकी छूट चूसने लगी, वहीं रश्मि उसकी
चुचियों को चूस रही थी. जब बबिता पूरी तरह गरमा गयी तो
रवि उसकी टॅंगो के बीच आ गया और अपना मूसल लंड उसकी छूट मे
घुसा दिया.

रवि उसे इतनी जोरों से छोड़ रहा था की बबिता कम से कम टीन चार
बार झड़ी होगी. रवि ने भी उसकी छूट को अपने वीर्या से भर दिया.
पूरी रात हम पाँचो जोड़े बदल बदल कर चुदाई करते रहे. फिर
आख़िर तक कर सब गहरी नींद मे सो गये.

सोमवार सन्नी का आगमन
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सोमवार की सुबह मेरी आँख खुली तो मेने पाया की रश्मि मेरी छूट
चूस रही है. जैसे ही मेरा पानी छूटा मेने उसके चेहरे को
प्यार से सहलाया, "ऑश रश्मीी तुम कितनी आची हो कितने प्याअरए
तरीके से तुमने मुझे नींद से जगाया है."

"राज अभी तक सो रहा है, तो मेने सोचा क्यों ना तुम्हे इस तरीके से
जगाया जाए. क्या तुम अपनी जीब का कमाल दिखाने को तय्यार हो?"
रश्मि ने मुझ से पूछा.

में मुस्कुरई और उसकी टॅंगो के बीच आ गयी. मेने उसकी छूट को
चाटने और चूसने लगी. उसकी छूट का स्वाद हर बार की तरह
स्वादिष्ट था. उसे भी झड़ने में ज़्यादा देर नही लगी. उसकी छूट
के रस ने मेरे चेहरे को पूरी तरह भर दिया.

हम दोनो उठ कर तय्यार हुए और किचन मे जाकर सब के लिए कॉफी
बनाना लगे. में और रश्मि डाइनिंग टेबल पर अपनी कॉफी पी रहे
थे की बबिता भी आ गयी. वो पूरी तरह से ताकि हुई लग रही थी.
वो अधमरी हालत मे कुर्सी पर बैठ गयी और अपने लिए कॉफी डालने
लगी.

"रवि कहाँ है?" रश्मि ने पूछा.

"वो बातरूम मे नहा रहा है. रश्मि रवि बड़ी ताक़त है, दिन रात
चुदाई करके वो कभी तकता नही है?" बबिता गहरी साँस लेते हुए
बोली.

"क्या सुबह भी उसने तुम्हारी चुदाई की थी?" रश्मि ने उसे चीढ़या.

"बड़ा बेरहम है रवि, सुबह पूरे एक घंटे तक वो मुझे छोड़ता
रहा. फिर पिशाब करने के बाद उसने मेरी गांद मारी और उसे अपने
वीर्या से भर दिया. जब वो मेरी गांद मार रहा था तो मुझे लगा की
में किसी घोड़े से छुड़वा रही है." बबिता ने बताया.

"तुम्हारी गांद कैसी है, कहीं फॅट तो नही गयी?" मेने अपनी
बेहन से पूछा.

"नही फटी तो नही है, पर थोड़ी सूज गयी है और दर्द भी काफ़ी हो
रहा है." बबिता ने कहा.

"रवि के लंड को अपनी गंद मे झेलने मे तुम्हे तोड़ा वक्त लगेगा.
उसका लंड सही मे काफ़ी मोटा और लंबा है." मेने अपनी बेहन से
कहा.

"हन अब तुम भी हमारे परिवार का हिस्सा बन गयी हो. इस घर की हर
औरत ने रवि के लंड अपनी गंद मे लिया है." रश्मि हंसते हुए
बोली.

थोड़ी देर मे राज और रवि भी आ गये. नाश्ता करते हुए हम सभी
ने तय किया की हम सब सन्नी के साथ ठीक से पेश आएँगे. हम अपने
साथी के साथ ही सोएंगे जिससे उस बाकछे को कोई शक़ ना हो. रवि
उसके साथ उसके कमरे मे सोएगा. घर अब कोई नंगा नही घूमेगा और
ना ही खुले आम कोई चुदाई करेगा. बबिता को प्रशांत की लगाम पकड़
कर रखनी होगी जिससे वो रश्मि की गंद के पीछे ना भागे.

बाकी के सारे दिन हम हँसी माज़ाक करते रहे. पर रश्मि राज और
रवि कहाँ मानने वेल थे. दोपहर को भी उन तीनो ने जाम कर चुदाई
की.

दोपहर को हम पाँचो छत पर बैठे थे. रश्मि बबिता की तेल से
मालिश कर रही थी. थोड़ी देर बाद बबिता रश्मि के शरीर की
मालिश करने लगी. वो रश्मि के पीठ पर, पैरों पर और चूतड़
पर तेल मसल रही थी. तभी बबिता ने अपनी एक उंगली उसकी गंद मे
घुसा दी.

"क्या गंद के अंदर ही मालिश करोगी?" रश्मि ने पूछा.

"नही छूट की भी करूँगा, ज़रा घुमओ तो?" बबिता ने कहा.

रश्मि घूम कर पीठ के बाल लेट गयी. बबिता ने अपने हाथों मे
तोड़ा तेल लिया और उसकी चुचियों की मालिश करने लगी. वो उसके
निपल को हल्के से भींच देती. फिर बबिता ने अपना हाथ नीचे की
और बढ़ाया और उसकी छूट की चारों तरफ तेल की मालिश करने
लगी.

रश्मि की साँसे तेज होने लग गयी थी. बबिता ने अपनी दो उंगलियाँ
उसकी छूट के अंदर दल दी थी. अब वो धीरे धीरे अपनी उंगली उसकी
छूट के अंदर बाहर कर रही थी.

बबिता ने रश्मि की छूट मे उंगली अंदर बाहर करते हुए अपनी एक
उंगली उसकी गांद मे घुसा दी. फिर उसने अपना सिर नीचे झुका अपना
मुँह उसकी छूट पर रख दिया. अब वो उसकी गांद मे उंगली करते हुए
उसकी छूट को चूस रही थी.

"ओह आआआआआं हााआआं चूऊऊओसो मेरिइइ चूऊत को
ऑश." रश्मि उत्तेजना मे चिल्ला रही थी.

बबिता राशिमी की गंद मे उंगली किए जेया रही थी और उसकी छूट को
जोरों से चूस रही थी की रश्मि का शरीर ज़ोर से आकड़ा. रश्मि ने
अपने हाथों से बबिता के सिर को अपनी छूट पर दाया और उसकी छूट
ने पानी छोड़ दिया. बबिता ने अपना मुँह पूरा खोल उसकी छूट को मुँह
मे भर लिया और उसका रस पीने लगी.

"ओह बबिता मज़ा आ गया, तुममने इन दीनो में काफ़ी सिख लिया है की
किसी औरत की छूट कैसे चूसी जाती है, लाओ अब में तुम्हारी
छूट चूस दूं." रश्मि ने कहा.

बबिता भी उत्तेजना मे पागल हो रही थी, उसे भी अपनी छूट का पानी
छुड़वाना था. बबिता बिस्तर पर पाट लेट गयी और राशनी उसकी टॅंगो
के बीच आ गयी. रश्मि ने उसकी छूट को अपने मुँह भर चूसने
लगी.

"रश्मि अपनी उंगली मेरी गंद मे दल अंदर बाहर करो ना?" बबिता
गिड़गिडाई.

रश्मि ने अपनी उंगली पर तोड़ा तेल लगाया और उसकी गंद मे पहले एक
उंगली फिर दो उंगली डाल अंदर बाहर करने लगी. इस दोहरे मज़े से
बबिता सिसक पड़ी. "ओह हाां राआहमी आईससीई ही करूऊ बहोट
अचा लग रहा हाईईइ."

इतने मे राज और रवि अपने खड़े लंड को लेकर दोनो औरतों के पास आ
गये, "क्या तुम दोनो कुछ हमारी मदद कर सकती हो?" रवि ने अपने
लंड को हिलाते हुए कहा.

रश्मि ने राज को पीठ के बाल बिस्तर पर लिटा दिया फिर बबिता को
उसके उपर चड़ा उसके लंड को उसकी गांद मे दल दिया. रवि इस तरह
से बबिता के सामने खड़ा हो गया की उसका लंड ठीक उसके मुँह के
सामने था. बबिता ने अपना मुँह खोल उसके लंड को अंदर ले चूसने
लगी.

"प्रीति यहाँ आओ और अपनी बेहन की चुचियाँ चूसो?" रश्मि ने
मुझे हुक्म देते हुए कहा.

में बबिता के बगल मे बैठ गयी और उसकी चुचियों को मसालने और
चूसने लगी.

रश्मि फिर से बबिता की छूट चूसने लगी और राज नीचे से धक्के
लगा उसकी गांद मार रहा था. बबिता जोरों से सिसक रही थी.
बबिता की छूट ने कई बार पानी छोड़ा और राज ने अपना वीर्या उसकी
गंद मे छोड़ दिया और रवि ने उसके मुँह मे. रस्मी का मुँह बबिता के
वीर्या से भर गया था. हम पाँचो तक कर निढाल पद गये थे.

"आज की शाम का तो मज़ा आ गया." बबिता ने कहा.

"मेरे शरीर की मालिश करते हुए ये सब तुमने शुरू किया था."
रश्मि हंसते हुए कहा.

"अगर मालिश करने का आंजाम ये है तो में हमेशा तुम्हारी
मालिश करना चाहूँगी." बबिता ने जवाब दिया.

बाकी की शाम हम सब हँसी मज़ाक करते हुए गुज़ारा. रात का खाना
खाने के बाद हम सब हॉल मे बैठ कर प्रशांत और उसके बेटे सन्नी
का इंतेज़ार करने लगे. वो दोनो काफ़ी लाते आए. सबसे परिचय के
बाद हम सब बैठे बात कर रहे थे. प्रशांत काफ़ी गरम होकर
आया था और रश्मि की गंद मे अपना लंड देना चाहता था, पर बबिता
ने उसे बड़ी मुश्किल से समझाया. प्रशांत को अपनी बीवी की गंद से ही
संतोष करना पड़ा उस रात.


मंगलवार सन्नी की पहचान

जैसा पहले से तय हुआ था, में बबिता और रश्मि शॉपिंग को चले
गये. प्रशांत अपने काम से ऑफीस चला गया था. सन्नी राज और
रवि आकेयलए घर मे रह गये. जब हम वापस आए तो राज ने हमे
बताया की उसने क्या पता लगाया. उसने कुछ इस तरह से अपनी कहानी
सुनाई.

आप तीनो के जाने के बाद में रवि और सन्नी घर मे थोड़ी देर
कसरत करते रहे. इस बीच सन्नी हम दोनो से काफ़ी खुल गया था.
उसने हमे अपने कॉलेज और कॉलेज लाइफ के बारे मे बताया.

जब हम तीनो स्विम्मिंग पूल मे नहाने के लिए आए तो सन्नी ने
मुझसे बेदिंग सूयीट उदार माँगा क्यों की वो उसे अपने साथ लेकर
नही आया था. तब मेने उसे बताया की हम लोग तो नंगे ही स्नान
करते हैं, वो चाहे तो नंगा स्नान कर सकता है.

सन्नी पहले तो काफ़ी हिचकिचाया पर बाद मे मान गया. थोड़ी ही देर
मे वो हमसे खुल गया और उसने बताया की पहले वो लड़कियों के साथ
डटे पर जया करता था पर बाद मे उसकी दोस्ती ऐसे लड़कों से हो
गयी जो गांद मारना और मरवाना पसंद करते थे.

जब पूल मे स्नान करने के बाद हम आराम कुर्सी पर आराम कर रहे
थे तो मेने सन्नी से कहा, "क्या में तुम्हारे शरीर की कुछ मालिश
कर दूं?"

सन्नी ने गर्दन हिला कर मुझे हन कर दी. में तोड़ा तेल लेकर
उसके शरीर पर मलने लगा. शरीर पर तेल मलते मलते मेने अपना
हाथ उसकी गंद के दरार मे दे दिया और वहाँ भी तेल लगाने लगा.

सन्नी उत्तेजना मे कांप रहा था. मेने अपना समय लेते हुए तेल लगा
रहा था. थोड़ी देर बाद मेने अपने तेल मे भीगी उंगली उसकी गांद मे
दल दी और घूमने लगा.

"सन्नी क्या तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है?" मेने उससे पूछा.

उसने अपनी गर्दन हन मे हिलाई और धीरे से कहा, "हन"

"घूम जाओ और मुझे अपना लंड दिखाओ?" मईएनए उससे फिर कहा.

"नही, प्लीज़ मुझे आकेयला छोड़ दो." सन्नी गिड़गिदते हुए बोला.

"इसमे इतना डरने की क्या बात है? सन्नी देखो यहाँ पर हम सब
जवान है, अब घूमओ और मुझे अपना लंड दिखाओ." मेने तोड़ा ज़ोर से
कहा.

सन्नी शरमाते हुए घूम गया, उसका खड़ा लंड हवा मे सिर उठाए
खड़ा था. सन्नी का लंड बहोट ही प्यारा है, करीब 7'इंच लंबा
और 4'इंच मोटा. उसने अपनी आँख बंद कर रहकी थी, मेने उसके लंड
को अपने हाथ मे ले लिया.

"क्या तुम चाहते हो की में तुम्हारे लंड का ख़याल रखूं?" मेने
उससे पूछा.

सन्नी ने अपनी आँख बंद रखते हुए धीरे से अपनी गर्दन हन मे
हिला दी. में उसके लंड को धीरे धीरे मसालने लगा. फिर मेने अपने
चेहरे को नीचे झुका कर उसके लंड को अपने मुँह मे ले लिया. अब मे
अपनी जीब उसके लंड पर घूमते हुए उसके लंड को अंदर तक ले चूस
रहा था.

उसका लंड चूस्टे हुए मेने अपनी तेल से भीगी उंगली फिर से उसकी
गंद मे दल दी और अंदर बाहर करने लगा. लड़कों से गंद मरवा
मरवा कर उसकी गंद काफ़ी फैल गयी थी. मेरी उंगली बड़ी आसानी से
अंदर बाहर हो रही थी.

"मेरा छूटने वाला है." सन्नी ज़ोर से चिल्लाया.

में और जोरों से उसके लंड को चूसने लगा. में उसकी गंद मे उंगली
कर रहा था की उसके लंड ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया. में उसका
सारा वीर्या निगल गया. सन्नी ज़ोर की हुंकार भरते हुए अपना वीर्या
छोड़ रहा था.

"तुम्हारा लंड बहोट प्यारा है सन्नी. मेरे लंड को देखो तुमने क्या
कर दिया है. कैसे मेरा लंड स्टील की तरह टन गया है. क्या तुम
मेरे लंड को चूसना छोहोगे या मेरे लंड से अपनी गंद मरवाना
चाहोगे?" मेने पूछा.

"हन" वो उत्तेजित होते हुए बोला.

"हन क्या सन्नी? क्या चाहते हो तुम? में तो तुम्हारी गांद मारना
चाहता हूँ, क्या तुम्हे मंज़ूर है?" मेने उससे पूछा.

"हन मेरी गांद मरो, में गांद मरवाना चाहता हूँ." वो ज़ोर से
बोला.

मेने उसे घूमा कर घुटनो के बाल कर दिया. फिर उसके पीछे आकर
उसकी गांद मे और तेल लगाया. फिर धीरे से मेने अपना लंड उसकी
गांद मे घुसा दिया. जब मेरा लंड उसकी गंद मे घूसा तो वो तोड़ा
से सहमा पर मेरा लंड आराम से अंदर घूस गया. उसने इसके पहले
मुझसे से भी बड़े और मोटे लंड से गंद मरवाई थी.

"जब तक में तुम्हारी गंद मरता हूँ क्या तुम रवि का लंड चूसना
पसंद करोगे? मेने उसकी गंद मे धक्के लगते हुए पूछा.

सन्नी ने अपनी गर्दन हन मे हिलाई और रवि सन्नी के मुँह के पास
आ गया. सन्नी ने रवि के लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चूसने
लगा. थोड़ी ही देर मे में और रवि झाड़ गये.

थोड़ी देर सुसताने के बाद सन्नी का लंड एक बार फिर खड़ा हो गया
था. मिने उसे पूछा की क्या वो मेरी गंद मारना चाहेगे. उसे अपने
नसीब पर यकीन नही हुआ और उसेन अपना लंड मेरी गंद मे घुसा
दिया. ज़ोर ज़ोर के ढके मरते हुए उसने अपना वीर्या मेरी गंद मे छोड़
दिया.

उसके बाद हम टीन वन साथ साथ स्नान किया और हॉल मे बैठ बात
करने लगे. तब हमे सन्नी ने बताया की पहले वो लड़कियों के साथ
बाहर जाता था, पर जबसे उसकी दोस्ती कुछ ऐसे लड़कों के साथ हुई
जो गान्डू है तब से उसने भी लड़कियों के साथ चुदाई करना बंद कर
दिया था.

रवि और मेने उसे फिर समझाया की लड़कों के साथ ठीक है पर असली
माज़ा तो लड़की के साथ ही है. सन्नी दुविधा में था की कोई लड़की
ऐसे लड़के को कैसे बर्दाश कर लेगी जिसे लड़कों में भी दिलचस्पी
हो.

तब मेने उसे अपने और रवि के बारे में बताया. फिर मेने उसे
बताया की किस तरह मेने, रश्मि और रवि और प्रीति ने हनिमून
पर माज़ा किया. मेने उसे समझाया की उसे चिंता करने की बात नही
है, रश्मि सब संभाल लेगी.

सन्नी को पहले तो विश्वास नही हुआ की रश्मि हम लोगो के साथ
शामिल होगी. मेने उसे बताया की वो सब कुछ मुझ पर छोड़ दे,
रश्मि कल शाम को हमारे साथ होगी पर उसपरm
हम तीनो फिर शांत हो गये, मुझे पता था कीट उम लोग शॉपिंग से
वापस आने वाले हो. ये है हमारी कहानी.

"हे भगवान मेरा बेटा गान्डू हो गया है, प्रशांत को पता चलेगा
तो वो क्या सोचेगा?" बबिता तोड़ा निराश होते हुए बोली.

"सब ठीक हो जाएगा, तुम्हे प्रशांत को कुछ भी बताने की ज़रूरत
नही है. मुझे लगता है की कल के बाद वो लड़कियों मे भी
दिलचस्पी लेने लगेगा." मेने बबिता को समझते हुए कहा.

"में शर्त लगाकर कह सकती हूँ की कल के बाद सन्नी लड़कों और
लड़कियाँ दोनो को छोड़ने मे महीन हो जाएगा." रश्मि ने कहा.

"तो फिर ठीक है, कल में और प्रीति आज की तरह शॉपिंग पर
चले जाएँगे और रश्मि तुम लड़कों के साथ रह जाएगी, दुआ करती
हून की ये प्लान कामयाब हो जाए." बबिता ने कहा.

हम सब रात के खाने की तय्यरी करने लगे. थोड़ी देर मे प्रशांत
भी काम पर से वापस आ गया. खाने के बाद हम सब बैःट कर
बातें कर रहे थे. प्रशांत रश्मि की गंद मारना चाहता था
इसलिए राज ने उसे अपने कमरे में आने को कहा जिससे वो बबिता के
पास जेया सके. पर राज ने रवि को बबिता के कमरे में भेज दिया
जिससे वो एक बार फिर सन्नी के साथ रात गुज़ार सके.

बुधवार – सन्नी और रश्मि

अगले दिन जब प्रशांत काम पर चला गया तो बबिता और में
शॉपिंग पर जाने के लिए टायर हो गये. पीछे रह गये सन्नी, राज,
रवि और रश्मि. मेने बबिता से कहा की हम जाने का सिर्फ़ बहाना
करेंगे और चुप कर उनका कारनामा देखेंगे. मेने बबिता को वो मेरी
ख़ास जगह भी बताई जहाँ चुप कर मेने पहली बार राज, रवि और
रश्मि को देखा था.

राज रवि और सन्नी हामरे गॅरेज मे चले गये पर रश्मि उपर कमरे
मे ही रही. मेने रश्मि को बता दिया की हमारे मान में क्या है तो
उसने कना की हम खामोश रहें और तमाशा देखें.

रवि और राज अपने कपड़े उत्तर कर नंगे हो गये. सन्नी वैसे ही
खड़ा रहा है फिर पूछा, "ये रश्मि कहाँ रह गयी?"

"ओह वो थोड़ी देर में आ जाएगी पर उसने कहा था की हम शुरू हो
जाएँ," राज ने बताया.

सन्नी अपने कपड़े उत्तर कर नंगा हो गया. राज और रवि अपने लंड को