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Click hereकमरे मे मादक सिसकारियाँ गूँज रही थी. चुदाई चारों तरफ अपनी
चरम सीमा पर थी.
सम मिलकर इतनी ज़ोर से चुदाई कर रहे थे की करीब करीब सब साथ
मे ही झड़ने लगे. सन्नी ज़ोर से चिल्लाते हुए अपना वीर्या अपनी मया की
गंद मे छोड़ दिया, वहीं रवि ने बबिता की छूट मे और मेने उसके
मुँह मे पानी छोड़ दिया.
प्रशांत अभी झाड़ा नही था, वो उसकी गंद मे धक्के लगा रहा था
और साथ ही डिल्डो से उसकी छूट भी छोड़ रहा था. थोड़ी देर मे दोनो
झाड़ कर लुढ़क गये.
करीब आधे घंटे तक कोई कुछ नही बोला. प्रशांत ने फिर जाना
चाहे की उसके ऑफीस जाने के बाद हम सब क्या किया करते थे. मेने
उसे बताया की किस तरह उसका बेटा गन्दू बन गया था और हम सब ने
मिलकर उसे औरतों मे दिलचस्पी लेना सिखाया. हम लोग दो घंटे तक
बातें करते रहे, फिर सभी ने स्नान किया और खाने की तय्यरी
करने लगे.
खाने के बाद प्रशांत ने बताया की सुबह वो वहाँ से रवाना हो रहा
है. आज की रत उसकी यहाँ पर आखरी रात है. प्रशांत आज आखरी
रात को दिल खोल कर रश्मि की गंद मारना चाहता था, बबिता ने अपने
पति की इस बात पर कोई ऐतराज़ नही किया. उसे भी रवि और राज के
साथ चुदाई का आखरी मौका मिल गया. सन्नी मेरे साथ सोया.
शनिवार की सुबह नाश्ते करने के बाद हम सब ने गले लग कर
प्रशांत बबिता और सन्नी को अलविदा किया. मेने बबिता से कहा की
उनका हर वक़्त यहाँ पर स्वागत है, वो जब चाहें यहाँ आ सकते
है.
बबिता और प्रशांत के जाने के बाद हम सब आयेज की तय्यरी करने
लगे.
थे एंड